राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के गठन से संबंधित संविधान संशोधन को आज मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने बताया कि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान संशोधन को 29 में से 16 राज्यों की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति ने भी इस पर मोहर लगा दी। इसके साथ ही करीब दो दशक पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह एनजेएसी के गठन का रास्ता साफ हो गया।
इस आयोग के समक्ष उच्चतम न्यायालय और देश के 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार है। न्यायाधीशों की नियुक्तियों और तबादलों के मामले में पुरानी कॉलेजियम प्रणाली पर अंगुलियां उठती रही हैं। किसी संविधान संशोधन को राज्यों की कुल संख्या के आधे से अधिक विधानसभाों से मंजूरी जरूरी होती है। कुल 29 राज्यों में से 16 राज्यों की विधानसभाों ने इसे मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। इस आयोग में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं दो वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल होंगे। कानून मंत्री और दो प्रमुख व्यक्ति भी इसके सदस्य होंगे।
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