पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का बार बार उल्लंघन किए गए जाने की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे पीछे न रहें और दोगुनी ताकत के साथ जवाब दें। उनकी यह टिप्पणी उस वक्त आई जब कल जम्मू जिले के पल्लनवाला सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के दौरान भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया।
बीते एक सप्ताह के दौरान पाकिस्तान की ओर से यह पांचवीं बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। पिछले साल की तुलना में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की घटनाओं में कमी आने का उल्लेख करते हुए पर्रिकर ने कहा कि हालांकि संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ी हैं।
यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा बलों को क्या निर्देश दिया गया है, रक्षा मंत्री ने बीती रात पत्रकारों से कहा, हमारी (राजग सरकार) प्रतिक्रिया यह है कि हिचकिचाना नहीं है। खुद को बिना रोके हुए उचित ढंग से जवाब दें। उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन होता है तो भारतीय जवानों को दोगुनी ताकत के साथ जवाब देना चाहिए और सेना की चौकियों पर हमला होता है तो आतंकवादियों को बेअसर करने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री पर्रिकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जवान संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन नहीं करते, बल्कि वे पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से इसका उल्लंघन किए जाने पर सिर्फ जवाब देते हैं। असम में बोडो उग्रवादियों के हमले को लेकर पर्रिकर ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि सेना ने हमले पर प्रतिक्रिया करने में देर की और उन्होंने कहा कि सेना को स्थायी प्रशासन से आग्रह के लिए इंतजार करना पड़ा था। उन्होंने कहा, हमले की खबरें मीडिया में आने के पहले से ही हम अलर्ट हो गए थे। वहां तैनात सैन्य बल तैयार थे, लेकिन हमें स्थानीय प्रशासन से आग्रह के लिए प्रतीक्षा करनी था।
पर्रिकर ने कहा, जैसे ही स्थानीय प्रशासन की ओर से आग्रह किया गया, हमनें सैन्य बलों को तैनात कर दिया। उन्होंने कहा कि असम में अब सेना की 73 टुकडियां तैनात हैं। राज्य में बोडो उग्रवादियों ने पिछले सप्ताह कई आदिवासियों को मार डाला था।
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