उत्तराखंड की विस्तृत खबर (29 दिसंबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 दिसंबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (29 दिसंबर)

उच्च शिक्षा को रोजगार परक व विशेषज्ञता युक्त बनाने की है जरूरतः इंदिरा

indira-hridesh
देहरादून, 29 दिसम्बर (निस) ‘‘मार्गदर्शक एवं पथप्रदर्शक के रूप में कार्य करें तथा उच्च शिक्षा को रोजगार परक व विशेषज्ञता युक्त बनाने के लिए सुझाव दें। शिक्षा को गुणवत्ता, श्रेष्ठता एवं रोजगार परक बनायें। यह बात प्रदेश की वित्त, वाणिज्यकर, स्टाम्प एवं निबंधन, मनोरंजन कर, संसदीय कार्य, विधायी, निर्वाचन, जनगणना, भाषाऐं, प्रोटोकाल, उच्च शिक्षा व नियोजन मंत्री डॉ.इन्दिरा हृदयेश पाठक ने उत्तराखण्ड सरकार ने सोमवार को  दून विश्वविद्यालय में राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की आयोजित बैठक में दिये। डॉ. हृदयेश ने कहा कि शिक्षा को व्यावसायिक स्वरूप दिलाने के लिए स्किल डेवलपमेंट हेतु नये पाठ्यक्रम शुरू कराने हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करें। राज्य सरकार इसके लिए आर्थिक सहयोग करेगी। उनका कहना था कि महाविद्यालय ज्ञान का ऐसा महत्वपूर्ण केन्द्र है। जहाँ  से मार्गदर्शन दिया जा सकता है। उन्होंने प्राचार्यों से विकल्प भी मांगे। उनका कहना था कि छात्रों में संरचनात्मक दिशा देने में महाविद्यालय अहम भूमिका निभा सकते हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालयों के लिए अपनी भौगोलिक स्थितियों के अनुसार नये पाठ्यक्रम प्रस्तावित करने के निर्देश दिये। प्राचार्यों अनुरोध पर कि महाविद्यालयों को केवल एक ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध रखने की मांग पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कार्यवाही का  आश्वासन दिया वर्तमान में गढ़वाल मण्डल के कतिपय महाविद्यालय सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय तथा श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। सचिव उच्च शिक्षा आर.के.सुधांशु ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री की प्रभावी पहल से पूर्व राजकीय एवं अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक के तुरन्त बाद राजकीय महाविद्यालयों  के प्राचार्यों की बैठक बुलाने की मंशा यही रही, कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए आवश्यकतानुसार सुविधाएं उपलब्ध  कराने  हेतु उच्च शिक्षा के उन्नयन का मार्ग प्रशस्त किया जाय। उन्होंने कहा कि उच्चशिक्षा को रोजगार परक बनाया जाय ताकि शिक्षा और आजिविका समन्वय स्थापित हो सके।प्राचार्यों ने एक स्वर से परास्नातक कक्षाओं में संचालित सेमिस्टर परीक्षा प्रणाली स्नातक स्तर पर भी लागू  करने का प्रस्ताव रखा वर्तमान में यह प्रणाली गढ़वाल विश्वविद्यालय की पी.जी. कक्षाओं तथा स्वायत्तशासी राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में सभी स्तर पर लागू है। इसके अतिरिक्त आधारभूत सुविधाओं जैसे भूमि, भवन, फर्नीचर, लाइब्रेरी प्राध्यापक एवं कार्मिकों की कमी आदि मांगों को पूरा किया जायेगा। समस्त राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने उच्च शिक्षा मंत्री का ध्यान अपने महाविद्यालयों की समस्याओं की ओर आकृष्ट किया। मंत्री द्वारा उच्च शिक्षा  की दशा दिशा एवं गुणवत्ता में सम्बन्ध में समस्त प्राचार्यों से लिखित में प्रस्ताव मांगे गये। इस अवसर पर उच्च शिक्षा अपर सचिव अशोक कुमार, संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, प्रभारी शिक्षा निदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद, उपशिक्षा निदेशक डॉ.एन.पी. माहेश्वरी, सहायक निदेशक डॉ. सतपाल साहनी एवं डॉ.बी.एन.शर्मा, कुल सचिव दून विश्वविद्यालय डॉ. वी.एम. हरबोला समस्त राजकीय स्नात्तकोतर एवं स्नातक महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।

दून हो सकता है आतंकियों के निशाने पर

देहरादून, 29 दिसम्बर (निस)। असम व बैंगलुरू में हुए बम धमाके के बाद कप्तान पुष्पक ज्योति अब किसी तरह के ढिले रवैये को बर्दाश करने के मूड में कतई नहीं दिख रहें हैं। रविवार को ड्यूटी पर ढिलाई बर्तने के चलते उन्होंने करनपुर चैकी इंचार्ज बलदेव सिंह को लाईन हाजिर कर दिया। साथ ही सभी चैकी प्रभारियों को अपने क्षेत्र में चैकसी व कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए। वहीं सोमवार को कप्तान ने सभी फरीयादियों को सुना। साथ ही पुलिस कर्मियों की ढिलाई होने पर उन्हें भी लताड़ लगाई। जिसके बाद उन्होंने काफी समय से परेशान लोगों की शिक ायत सुन फोन के माध्यम से तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। साथ ही संबंधित चैकी प्रभारियों को साफ कर दिया गया कि मामलों में किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश नहीं किया जायेगा। वहीं असम व बैगंलूरू धमाके के बाद अब दून में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। जानकारी देते एसएसपी ने बातया कि शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा रखी गई है। वहीं पुलिस कर्मियों को रात्रि गस्त के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कप्तान ने बताया कि आईएमए, दून स्कूल, आरएमसी, एफआरआई में पुलिस खासा नजर रखें हुए हैं। बता दे कि असम व बैंगलुरू में हुए बम धमाकों को देखते हुए दून की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गइै है। इसके अलावा शहर के भीतर- बाहर से आने-वाले वाहनों पर विशेष नजर रख गई है। वहीं पुलिस के आला अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादी संगठन दून शहर को भी अपना निशाना बना सकते हैं। जिसके लिए डीजीपी बीएस सिद्ध ने सभी जिले के कप्तानों को कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। बात दे कि पूर्व में भी दून के कुछ प्रतिष्ठित स्थानों को उड़ाने की धमकी मिली थी। जिसके बाद दून में अलर्ट जारी कर दिया गया था। वहंी देश के भीतर एक के बाद एक हो रहें बम धमाकों के चलते एक बार फिर राजधानी दून में अलर्ट जारी किया गया है। जिसके लिए पुलिस कर्मियों व अन्य जांच एजेंसियों ने पूरी तरह से कमर कसी हुई है।

उक्रांद ने किया सचिवालय कूच 

देहरादून, 29 दिसम्बर (निस)। उत्तराखंड क्रान्ति दल (एरी) ने प्रदेश सरकार की विफलताओं की सरकार बताते हुए उत्तराखंड क्रान्ति दल ने सोमवार को सचिवालय कूच कर विरोध जताया। कचहरी रोड़ से स्थित प्रदेश कार्यालय से विशाल जुलूस के रूप में उक्रांद के कार्यकर्ता निकले जिसके बाद वे कूच के लिये पहुंचे। प्रदर्शनकारियेां का नेतृत्व कर रहे केन्द्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि गत वर्ष केदारघाटी में शताब्दी की सबसे बड़ी आपदा के पश्चात प्रदेश सरकार ने पुर्नवास कार्य करवाने हेतु भिन्न-भिन्न मदों से कितना धन खर्च किया, कहां से और कुल कितना धन प्राप्त किया, कितने लोगों को पुर्नवासित किया सहित सम्पूर्ण बिन्दुओं पर श्वेत पत्र जारी किया जाये। उत्तरकाशी व आस-पास के क्षेत्र की ईको सेंस्टिव जोन घोषित किये जाने का दल विरोधी है और हर हाल में वहां की स्थानीय जनता के साथ हे। राज्य में लघु पन योजनाओं को लगवाने हेतु दल अपने पूर्व के स्टैड पर कायम रहते हुए राज्य सरकार से उन सभी लघु विद्युत योजनाओं पर अधिकार पूर्वक अपनी आधी हिस्सेदारी सुनिश्चित करवाये जाने की मांग करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में सभी निर्माण व मरम्मत के कार्य वाहरी निर्माण एंजेंसियों से तत्काल बंद करवाकर राज्य की अपनी निर्माण एजेंसियों के माध्यम से करवाये। राज्य बनने से लेकर आज तक खूब फल-फूल रहे भू खनन खडिया व शराब माफियाओं पर नकेल कसे। उत्तरप्रदेश से राज्य की परिसम्मपतियों के बंटवारे का शीघ्र निस्तारण करवाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सच्चे व वास्तविक आंदोलनकारियों का एक निश्चित समयावधि के भीतर चिन्हित कर उन्हें उचित सम्मान प्रदान किया जाना चाहिए। प्रदर्शनक के दौरान इस मौके पर डी के पाल, कुंवर प्रताप सिंह, बीडी रतूड़ी, हरीश पाठक, डीडीशर्मा, पुष्कर धामी, बाहिद खान, एन के गुसाई, वीरेन्द्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे। 

कप्तान आपरेशन भूरा में, मातहत करते रहे मौज

देहरादून, 29 दिसम्बर(निस)। जनपद के कप्तान कुख्यात भूरा को तलाशने में लगे आपरेशन में लगे रहे और इधर उनके मातहत मौजमस्ती मनाते रहे। नववर्ष के आगमन को ध्यान में रखते हुए कप्तान भले ही कुख्यात भूरा के आपरेशन को छोड़ कर जनपद की सुरक्षा व्यवस्था के लिए वापस आ गए हों लेकिन जनपद में उनके न रहने के बाद पुलिसकर्मियों ने जो आनंद काटा उसका खामियाजा आखिर एक दरोगा को भुगतना ही पड़ा। कल रात चैकिंग के दौरान एसएसपी ने शहर के बीच में ही कानून व्यवस्थाओं को धत्ता बताने वाले पुलिसकर्मियों को रंगे हाथों धर दबोचा और एक दरोगा को लाईन हाजिर कर दिया। कप्तान के इस कदम के बाद एकाएक अब तक मजे ले रहे पुलिसकर्मियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है जिसका परिणाम यह रहा है कि आज फिर से चैराहों पर पुलिसकर्मी भी नजर आने लगे हैं। पुलिस की चकमा देकर फरार हुए अमित भूरा के लिए शुरू किए गए आपरेशन पर नजर रखने के लिए एसएपी पुष्पक ज्योति भी लगातार दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं नोएडा के चक्कर लगा रहे थे। उनकी अनुपस्थिति में पूरे जनपद में उनके मातहत पूरी तरह से मौज काट रहे थे और अपनी मनमर्जी के अनुसार ही ड्यूटी कर रहे थे। इधर नए साल की तैयारियों एवं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एसएसपी दून लौटे और देर रात ही उन्होंने शहर की सुरक्षा व्यवस्था का आंकलन किया। सड़क पर उतरते ही कप्तान को मुख्य शहर की हालत ही खराब नजर आई। यहां करनपुर जैसे क्षेत्र में पुलिस की चैकिंग के नाम पर चैराहे एवं पुलिस प्वाईंट खाली पड़े थे। जबकि खुद चैकी प्रभारी बलवंत कंडियाल भी लापता था। एसएसपी ने उनके बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा कि वह चैकिंग पर निकले ही नहीं थे और पुलिस चैकी में आराम फरमा रहे थे। एसएसपी ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और तत्काल चैकी प्रभारी करनपुर बलवंत कंडियाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें लाईन हाजिर कर दिया। रात ही एसएसपी ने शहर के दूसरे थाना क्षेत्रों का भी दौरा किया और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से जवाब-तलब करते हुए उन्हें दिशा-निर्देश दिए। इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि दून पुलिस कितनी गंभीरता से अपनी ड्यूटी को कर रही है। कप्तान की अनुपस्थिति में पुलिस कार्यालय से लेकर तमाम थाना क्षेत्रों में महज औपचारिकताएं ही निभाई जा रहीं थीं। इधर कप्तान द्वारा एक दरोगा के खिलाफ कार्रवाई करने से एक ही रात में कम से कम ड्यूटी के मामले में तो पुलिसकर्मी अब सतर्क नजर आ रहे हैं।

गाजियाबाद में दबोचा गया ईनामी बदमाश

देहरादून, 29 दिसम्बर(निस)। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक लाख रूपए के ईनामी बदमाश को गाजियाबाद से दबोचा तो कुछ ही घंटों में यह गिरफ्तारी अमित भूरा से जुड़ गयी और चर्चाएं होने लगीं कि अमित भूरा दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभियान में दबोच लिया गया है। दिन भर अधिकारियों के फोन गिरफ्तारी की पुष्टि को लेकर घनघनाते रहे और अधिकारी हर बार गिरफ्तारी की पुष्टि को नकारते रहे। अमित उर्फ भूरा को लेकर सोमवार सुबह से ही उसकी गिरफ्तारी की खबरें उड़ती रहीं लेकिन कोई भी पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि करने को तैयार नहीं हुआ। हालांकि बाद में कहा गया कि गाजियाबाद से उत्तर प्रदेश एक दूसरे बदमाश की गिरफ्तारी से भूरा की गिरफ्तारी को जोड़ दिया गया और यही बात पूरे मीडिया में आग की तरह फैल गयी। तीन राज्यों की पुलिस के लिए अमित उर्फ भूरा अब एक ऐसा नाम बन गया है जिसे गिरफ्तार करने की होड़ लगी हुई है। तमाम ऐसी चर्चाए भी सामने आ रही हैं कि दस लाख के इस ईनामी बदमाश को पकडने के लिए कुछ खुर्राट पुलिसकर्मी अपनी तरफ से भी पैसा लगाने को तैयार हैं लेकिन भूरा की जानकारी पुलिस तक देने के मतलब जानकारी देने वाले के लिए कई मायने रखती है। सोमवार सुबह से ही अमित उर्फ भूरा की गिरफ्तारी से पूरे उत्तराखंड में चर्चाएं उडने लगीं तो नेताओं के फोन भी अधिकारियों को बजने लगे। मीडिया में भी अमित उर्फ भूरा की ब्रेकिंग बनाने की होड़ सी लग गयी लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी भूरा की गिरफ्तारी की ठोस पुष्टि नहीं हो पाई। भूरा के फरार होने के पीछे कुछ षड़यंत्रकारियों को जरूर पुलिस सलाखों के पीछे भेज चुकी है और कुछ को दबोचने की पूरी तैयारी चल रही है। अब तक की जांच एवं दबिश में पुलिस कई अहम सुराग भूरा के जुटाने में कामयाब रही है और यह भी पता लगा है कि पुलिसकर्मियों से लूटे गए हथियार भूरा के दो साथी सचिन एवं रोबिन के पास हैं। भूरा इन हथियारों केा पुलिस के शांत होने तक इन्हीं दोनों के पास रखने के लिए कह गया था। भूरा को लेकर हर तरह के प्रयास जारी हैं और पुलिस ने संतरी से लेकर मंत्री तक को खंगाल डाला है। दिल्ली के एक विधायक भी पुलिस की सूची में हैं जिन पर अमित भूरा को संरक्षण देने की भी बात सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि विधायक का एक रिश्तेदार लगातार अमित भूरा का मददगार बना रहा है, लेकिन फिलहाल पुलिस को विधायक के स्तर पर कोई अधिक जानकारी नहीं मिली है। अमित उर्फ भूरा १५ दिसंबर को पांच पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग गया था। भूरा को उसके साथी उस वक्त छुड़ा कर ले गए थे जब उसे देहरादून से बागपत पेशी पर ले जाया जा रहा था। बदमाश पुलिस की दो एके-47 एवं एक एसएलआर मय कारतूस भी लूट कर ले गए थे। इस घटना के बाद से ही उत्तराखंड पुलिस खासतौर से दून पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी और तत्कालीन एसएसपी अजय रौतेला को भी जनपद के प्रभार से हटा दिया गया था। भूरा का फरार होना दो राज्यों की कानून व्यवस्था पर सीधे-सीधे हमला था, लिहाजा उत्तर प्रदेश पुलिस एवं उत्तराखंड पुलिस ने एक साझा अभियान के तहत भूरा की तलाश करने का काम शुरू किया जिसमें बाद में दिल्ली एवं हरियाणा पुलिस को भी जोड़ा गया। भूरा पर ईनाम की राशि पांच लाख से बढ़ा कर दस लाख कर दी गयी लेकिन भूरा फिर भी हाथ नहीं लगा। इस दौरान पुलिस टीमों ने भूरा से संपर्क रखने वाले कई लोगों केा हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ भी की और कुछ को जेल भी भेजा। अब पुलिस को अमित भूरा से संबंधित कई अहम जानकारियां हाथ तो लगी हैं लेकिन हाथ नहीं लगा तो केवल अमित भूरा। सोमवार सुबह से ही अमित भूरा की गिरफ्तारी की खबर दून में आग की तरह फैल गयी। कहा गया कि दिल्ली की एसटीएफ ने अमित उर्फ भूरा को एक विधायक की जानकारी के बाद गिरफ्तार किया है, हालांकि यह खबर अंत तक निराधार ही साबित हुई। बताया जा रहा है कि गाजियबाद पुलिस ने एक लाख के ईनामी बदमाश सूरज भाटी को गिरफ्तार किया और भाटी की गिरफ्तारी की खबर कहीं न कहीं अमित उर्फ भूरा से जुड़ गयी। आपरेशन में लगे आला पुलिस अधिकारियों ने फिलहाल अमित भूरा की गिरफ्तारी से इंकार किया है और दावा किया है कि जल्द ही भूरा कानून के शिकंजे में होगा।

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