बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को बहुमत साबित करने के लिए समय देने के पीछे मोदी का हाथ है ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधायकों को एक करोड़ रुपये और मंत्री बनाए जाने का लालच दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मांझी से तुरंत बहुमत साबित करने के लिए कहने के बजाय 20 फरवरी तक का वक्त दिए जाने के पीछे भी मोदी का हाथ है। नीतीश ने कहा कि गवर्नर उसी स्क्रिप्ट के मुताबिक काम कर रहे हैं जो उन्हें दिल्ली (मोदी) से मिली है, ताकि तब तक विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सके। उन्होंने बीजेपी पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया। नीतीश के मुताबिक," भगवा पार्टी ने मांझी से कहा कि वह विधायकों को लालच देकर उन्हें खरीद लें।"
उन्होंने कहा, "यह सब दिल्ली (मोदी) ने ही तय किया है। यह सब तब शुरू हुआ जब मांझी, पीएम मोदी से मिले। पहले गवर्नर ने कहा था कि मांझी को फ्लोर पर बहुमत साबित करने के लिए कहा जाएगा लेकिन मांझी के पीएम से मिलने के बाद चीजें बदल गईं। स्क्रिप्ट दिल्ली में लिखी गई।" लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद से नीतीश और नरेंद्र मोदी एक दूसरे पर खुलकर हमला बोलने लगे थे।
नीतीश ने कहा,"आठ फरवरी को मांझी मोदी से मिले लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन दोनों के मुलाकात की एक भी तस्वीर जारी नहीं की। इससे पहले पीएम के साथ मुख्यमंत्रियों के मुलाकात की तस्वीरें जारी की जाती हैं।" नीतीश कुमार ने बुधवार को 130 विधायकों के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सामने 'शक्ति प्रदर्शन' किया था। उन्होंने राष्ट्रपति से इस मामले में दखल देने की मांग की थी। नीतीश के साथ आरजेडी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट के नेता भी थे।
उन्होंने मांग किया कि बिहार विधानसभा का स्पेशल सेशन तुरंत बुलाया जाना चाहिए और इसमें राज्यपाल को मांझी को बहुमत साबित करने के लिए कहना चाहिए। बजट सेशन 20 फरवरी से शुरू होने वाला है और राज्यपाल ने इसी दिन मांझी से बहुमत साबित करने के लिए कहा है। नीतीश ने कहा,"यह एक अजीब बात है कि गवर्नर ऐसे मुख्यमंत्री को समय दे रहा है जिसके पास सिर्फ 12 विधायकों का सपोर्ट है।" जीतन राम मांझी को जेडीयू से निकाल दिया गया है।
नीतीश के इन आरोपों का जबाव बीजेपी के रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉफ्रेंस में दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी का जेडीयू की अंदरूनी लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। नीतीश के पास अगर बहुमत है तो सदन में साबित करें। राज्यपाल ने मांझी की अपील का संज्ञान लिया है। रविशंकर ने कहा,"नीतीश अपने स्वभाव के विपरीत कुर्सी के लिए परेशान हैं। राज्यपाल और हमारे ऊपर अनर्गल और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहें हैं। उनके इन आरोपों का हम प्रतिकार करते हैं और इसे खारिज करते हैं। हाई कोर्ट के फैसले के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है।" हाई कोर्ट ने नीतीश को विधायक दल का नेता चुने जाने को अवैध करार दिया था।
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