दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शनिवार को शपथ ग्रहण करने जा रहे आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। उनके साथ आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी थे।
प्रधानमंत्री ने गुलदस्ता भेंट कर केजरीवाल का स्वागत किया और उन्हें दिल्ली की जीत पर बधाई दी। 15 मिनट की इस मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं को बताया, "अरविंद ने प्रधानमंत्री को बताया कि केंद्र और राज्य दोनों की ही सरकारों के पास भारी बहुमत है, इसलिए दिल्ली को एक बेहतर शहर बनाने की दिशा में दोनों के लिए मिलकर काम करने का यह एक सुनहरा अवसर है।"
सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा भी प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया और प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर गौर करने का आश्वासन दिया है। केजरीवाल ने मोदी को 14 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भी दिया, लेकिन पीएम ने समारोह में शामिल होने में असमर्थता जाहिर की, क्योंकि वह उस दिन शहर से बाहर होंगे।
दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल को फोन करके बधाई दी थी। इसी दौरान केजरीवाल ने पीएम से मिलने की इच्छा जताई, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें आज चाय पर बुलाया था। दिल्ली की 70-सदस्यीय विधानसभा के लिए संपन्न चुनावों में 67 सीटें अपने नाम कर 'आप' ने एकतरफा जीत हासिल की है, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने इस शानदार विजय के लिए केजरीवाल को बधाई दी और राष्ट्रीय राजधानी के विकास के लिए केंद्र से पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। बधाई के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जल्द ही उनसे मिलना चाहेंगे।
शुक्रवार को केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उनके आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन के लिए आभार जताया। राष्ट्रपति ने केजरीवाल को अपनी लिखी दो पुस्तकें 'कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया' और 'थॉट्स एंड रिफलेक्शन्स' भेंट कीं। 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और कहा कि मुलाकात का कोई विशेष एजेंडा नहीं था।
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