पचौरी ने आईपीसीसी प्रमुख पद से इस्तीफा दिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

पचौरी ने आईपीसीसी प्रमुख पद से इस्तीफा दिया

यौन उत्पीड़न के आरोप का सामना कर रहे अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष आर.के. पचौरी ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पचौरी ने हालांकि आरोप का खंडन किया है। मंगलवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, पचौरी द्वारा पद छोड़ने के फैसले के बाद आईपीसीसी के ब्यूरो ने उपाध्यक्ष इस्माइल अल गिजौली को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने पर सहमति जताई है।

आईपीसीसी के अध्यक्ष राजेंद्र के पचौरी ने आईपीसीसी को सूचना दी है कि वह अगले हफ्ते नैरोबी में आईपीसीसी के पूर्ण अधिवेशन की अध्यक्षता करने में अक्षम हैं क्योंकि कुछ मुद्दे भारत में उनके ध्यान देने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि एक महिला कर्मी की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे ‘दि एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट’ (टेरी) के महानिदेशक आरके पचौरी को सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने 26 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी।

पचौरी की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कुमार त्रिपाठी ने मामले के जांच अधिकारी को नोटिस भी जारी करके पचौरी के आवेदन पर उनका जवाब मांगा। अदालत ने अपने आदेश में आवेदक (पचौरी) की बीमारी पर रिपोर्ट देने के लिए जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया और उनकी बीमारी संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन के लिये कहा। अदालत ने कहा कि इस मामले की अब 26 फरवरी को आगे सुनवाई होगी और इस दौरान आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी। पचौरी के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष के साथ-साथ उनकी बीमारी के आधार पर उनके लिए अग्रिम जमानत की मांग कर रहे हैं। इस पर अदालत ने पूछा कि पचौरी को किस तरह की बीमारी है।

लूथरा ने कहा, ‘‘हमने उनकी बीमारी के बाबत सारे मेडिकल रिकॉर्ड जमा किए हैं जिसमें हृदय रोग एवं यूटीआई से जुड़े मामले शामिल हैं।’’ उन्होंने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने 19 फरवरी से लेकर आज की तारीख तक पचौरी को राहत दी थी और इसी वजह से वह अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर रहे हैं। बहरहाल, शिकायतकर्ता के वकील प्रशांत मेंदीरत्ता ने अदालत से मामले की सुनवाई कल करने का अनुरोध किया। मेंदीरत्ता ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी कल तक जवाब दे सकते हैं और मेडिकल रिकॉर्ड का सत्यापन बहुत आसानी से किया जा सकता है। आरोपी पर लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं जिसमें शिकायतकर्ता को दबोचना और शारीरिक हमला शामिल है।’’

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