मुंबई की एक विशेष टाडा अदालत ने सोमवार को प्रदीप जैन हत्याकांड में अबू सलेम को दोषी करार दिया। इसी मामले में गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल से भारत लाया गया था। गौरतलब है कि सात मार्च 1995 को प्रदीप की जुहू स्थित उनके बंगले के बाहर हमलावरों ने तब गोली मारकर हत्या कर दी थी जब जैन ने कथित रूप से उसने अपनी संपत्ति में हिस्सा देने से इंकार कर दिया था।
सलेम , एक अन्य बिल्डर विरेंद्र झाम्ब और मेहंदी हसन के खिलाफ इस मामले मुकदमा चल रहा है। अभियुक्त नदीम खान इसमें गवाह बन गया है। एक अन्य अभियुक्त रियाज सिद्दिकी जो पहले गवाह बन गया था बाद में अदालत में मुकर गया। सिद्दिकी के मुकदमे की सुनवाई बाद में अलग कर दी गई। वर्ष 2008 में जब से मुकदमे की सुनवाई चल रही है तब से अभियोजन पक्ष ने करीब 25 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है जबकि बचाव पक्ष ने एक गवाह से जिरह की है। पिछले साल जनवरी में जब अभियोजन पक्ष ने पुर्तगाल और भारत के दोस्ताना रिश्ते का हवाला देकर कुछ आरोपों को हटाने की मांग की थी तो अदालत ने सलेम के खिलाफ कुछ धाराएं हटाई थीं।
सलेम मुंबई में 1993 में हुए सीरियल धमाकों का अभियुक्त है। उसे 2005 में 11 नवंबर को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। पुर्तगाली सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2012 में सीबीआइ की वह अपील खारिज कर दी थी। सीबीआइ ने उसके प्रत्यर्पण को समाप्त करने को चुनौती दी थी। सलेम पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट भी गया था ताकि वह भारत सरकार को निर्देश दे कि उसके प्रत्यर्पण को रद करने के अपने आदेश को लागू करे। वर्ष 2012 में सलेम पर कथित रूप से मुंबई तलोजा केंद्रीय जेल में गैंगेस्टर देवेंद्र जगताप ऊर्फ जेडी ने गोली चलाई थी। वह अधिवक्ता शाहिद आजमी की हत्या मामले का अभियुक्त है। आजमी ने 26/11 को हुए मुंबई हमले के अभियुक्त के मुकदमे की पैरवी की थी।
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