धोखाधड़ी के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और अन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस कदम के बाद पुलिस सीतलवाड़ और उनके पति को जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है। याचिकाकर्ताओं पर गुजरात दंगा पीड़ितों की मदद के लिए जमा हुए करीब डेढ़ करोड़ रुपए के गबन का आरोप है।
जस्टिस जेबी परदीवाला ने सीतलवाड़, आनंद, गुजरात दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस एमपी अहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी और गुलबर्ग सोसायटी के निवासी फिरोज गुलजार द्वारा दायर जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहीं सामाजिक कार्ककर्ता सीतलवाड़ का कहना है कि राजनीतिक मकसद के चलते उनके खिलाफ यह मामला बनाया गया है। सीतलावाड़ ने दोहराया कि उन्होंने किसी भी तरह फंड का दुरुपयोग नहीं किया।
गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने पिछले साल जनवरी में सीतलावाड़ और अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर पर दंगा पीड़ितों की मदद के लिए जमा हुए धन का गबन करने का केस दर्ज किया गया था। अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगे में मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाने के लिए फंड जमा हुआ था। हालांकि बाद में स्मारक बनाने की योजना रद्द कर दी गई। सोसायटी के 12 लोगों ने सीतलावाड़ और अन्य लोगों के खिलाफ धन के गबन का आरोप लगाया था।
28 फरवरी 2002 को गुलबर्ग सोसायटी पर दंगाइयों की भीड़ ने हमला कर दिया था। इसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी समेत 69 लोग मारे गए थे। गोधरा दंगों के बाद यह घटना घटी थी।
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