बिहार में जनता दल (युनाइटेड) के दो खेमों (नीतीश और मांझी) के बीच सत्ता संघर्ष की लड़ाई के बीच जहां सभी की निगाहें अब सदन पर टिकी हुई हैं, वहीं 20 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र से पहले बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. विधानसभा सचिवालय के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सोमवार दोपहर ढाई बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रविवार को दिल्ली पहुंचे और गृहमंत्री राजनाथ सिंह और बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, मांझी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिलने का समय मांगा है. इस बीच जद (यू) के महासचिव के. सी. त्यागी ने सोमवार को कहा कि मांझी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं के साथ आगे के घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंचे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बहुमत साबित नहीं कर पाने की स्थिति में बीजेपी बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है. इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि नीतीश खेमा बजट सत्र के पहले दिन मांझी के बहुमत साबित करने के दौरान हंगामा कर सकता है.
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने मांझी को 20 फरवरी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. उसी दिन से विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू होने वाला है. जद (यू) ने मांझी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है तथा पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में बजट सत्र के दौरान विपक्ष में बैठने का स्थान मांगा है. नीतीश खेमा राज्यपाल से मांझी को जल्द ही बहुमत साबित करने का निर्देश देने की मांग कर रहा था. यह खेमा 130 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है.
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में इस वक्त 10 सीटें रिक्त हैं. बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पक्ष को कुल 117 विधायकों की आवश्यकता है. सदन के अंक गणित पर गौर करें तो 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान समय में 10 सीटें रिक्त हैं. वर्तमान समय में जद (यू) के 111, बीजेपी के 87, कांग्रेस के पांच, राष्ट्रीय जनता दल के 24, निर्दलीय पांच तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य हैं.
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