- - कुमारखंड, चैसा, उदाकिशुनगंज व आलमनगर में काम करता है रैकेट
- - फर्जी एलपीसी बना कर बैंकों को दिया जा रहा है झांसा
- - फर्जी एलपीसी पर हो चुकी है प्राथमिकी
- - 120 फर्जी एलपीसी की हो रही है जांच
कुमार गौरव, मधेपुरा: पंद्रह हजार दीजिए और एक लाख का ऋण प्राप्त कीजिए...सोच में पड़ गए न आप...। लेकिन कोसी क्षेत्र में ऐसा ही हो रहा है। ऋण दिलाने के नाम पर यहां बड़ा खेल हो रहा है। भू-माफियाओं का रैकेट पूरे क्षेत्र में काम कर रहा हैै। जो फर्जी एलपीसी, रसीद आदि तैयार करने से लेकर बैंक से ऋण दिलाने का कार्य करवाता है और इस एवज में प्रति एक लाख रूपये भू-माफिया पंद्रह से बीस हजार रूपये तक वसूलते हैं। लाखों के इस खेल में जहां भू-माफियाओं व ऋणी के वारे न्यारे हो रहे हैं वहीं बैंकों को लाखों का चूना लग रहा है। बैंक सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कई बार तो भू-माफियाओं की सक्रियता से भूमिहीनों को भी ऋण मिल जाता है। यह खेल फर्जी एलपीसी बनाकर धड़ल्ले से हो रहा है। खासकर कुमारखंड, चैसा, उदाकिशुनगंज, आलमनगर आदि प्रखंडों में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुमारखंड में तो दर्जनों लोगों पर फर्जी एलपीसी को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है। समाजसेवी श्यामानंद सिंह द्वारा बैंकों से प्राप्त किए गए 765 एलपीसी एवं राजस्व रसीद में 500 एलपीसी फर्जी मिले हैं। ऐसे लोगों को एलपीसी बना दिया गया था जो भूमिहीन थे। भूमिहीन को एक दो एकड़ नहीं कई एकड़ का राजस्व रसीद और एलपीसी बना दिया गया था।
एलपीसी पर रहते हैं फर्जी हस्ताक्षर: ऋण लेने के लिए तैयार एलपीसी पर फर्जी हस्ताक्षर कर दिया जाता है। एलपीसी पर अंचलाधिकारी, अंचल निरीक्षक तक के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं। इस खेल में बड़ा रैकेट काम कर रहा है। विभाग का सारा महकमा बिचैलिये के इशारे पर चलता है। जब एक प्रखं डमें 500 से अधिक फर्जी मिले हैं तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे जिले में फर्जी एलपीसी बनाने की क्या स्थिति होगी।
बिचैलिया करते हैं काम: कुमारखंड प्रखंड में तो बिचैलिये की ही चलती है। रानीपट्टी के रूपनारायण यादव ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर शिकायत की है कि घूस नहीं देने पर राजस्व कर्मचारी कागज पर जमीन ही उड़ा दिया है। राजस्व कर्मचारी बिजेंद्र प्रसाद यादव सारा काम शत्रुघन प्रसाद यादव से कराते हैं। वे लोगों का गलत कार्य कर राशि वसूलते हैं। जो व्यक्ति राशि नहीं देते हैं उनकी जमीन कागज से गायब कर देता है। यही नहीं रूपये लेकर गलत कागजात भी तैयार किये जाते हैं। उनका आरोप है कि उनसे 15 हजार की राशि की मांग की गई थी राशि नहीं देने पर उनके 50 डिसमिल जमीन दस्तावेज से गायब कर दिये गए।
फर्जी एलपीसी के मामले में इन पर हो चुकी है प्राथमिकी:
रीता कुमारी, सिंहपुर, कुमारखंड
ललन ठाकुर, सिंहपुर
प्रमोद यादव, गुडि़या
संजय कुमार, सिंहपुर
राजकुमार, सिंहपुर
नागेश्वर मंडल, सिंहपुर
अरूण कुमार निषाद, गढिया
सुशील कुमार यादव, गुडिया
बिजेंद्र मुखिया, गुडिया
बबलू मुखिया, गुडिया
कलानंद मुखिया, गुडिया
इन बैंकों से लिए गए थे ऋण:
भारतीय स्टेट बैंक, सिकरहटी
भारतीय स्टेट बैंक, टिकुलिया
भारतीय स्टेट बैंक, इसराइन कलां
भारतीय स्टेट बैंक, बेलारी
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, कुमारखंड
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, रहटा
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, रौता
हो रही है कार्रवाई: इस संबंध में गोपाल मीणा, जिलाधिकारी मधेपुरा कहते हैं कि बिचैलिये पर नजर रखी जा रही है। मामला सामने आने पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। पिछले दिनों ही पुरैनी के एक बैंक मैनेजर पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
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