संसद के बाद अब कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर सड़क पर भी घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ 'जमीन वापसी आंदोलन' का एलान किया है। जयराम रमेश, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह और राज बब्बर समेत कई कांग्रेस नेता भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर उतर आए हैं। कांग्रेस का कहना है कि एनडीए सरकार ने किसानों को धोखा दिया है अब उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस अब खुलकर भाजपा के विरोध में उतर आई है। कांग्रेस के कई बड़े नेता जंतर-मंतर पर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपने इस आंदोलन को 'जमीन वापसी आंदोलन' नाम दिया हैं। इस आंदोलन में लगभग 1000 किसान भाग ले रहे हैं। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कमी यहां खल रही है।
यहां कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों से बहुत सारे वादे किए थे, जो आज तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसा लगता भी नहीं है कि मोदी सरकार जनता के लिए कुछ करना चाहती है।
साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज एक तरह गरीब किसान खड़े नजर आ रहे हैं और दूसरी तरह उद्योगपति हैं। अब जनता को तय करना है कि वे किसका साथ देना चाहेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश का कहना है कि लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से ही भूमि का अधिग्रहण होना चाहिए। अहमद पटेल का कहना है, 'भाजपा की सभी बातें अब 'जुमला' लगती हैं। अब उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। वे बस कुर्सी और पावर चाहते हैं। भूमि अधिग्रहण पर जो यह आंदोलन शुरू हुआ है वो सिर्फ जंतर-मंतर तक ही सीमित नहीं रहेगा, यह गांव-गांव तक पहुंचेगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के नौ महीने बाद ही किसान आज यहां विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं, इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ सोचना चाहिए। अन्ना जहां जंतर-मंतर पर मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध कर रहे हैं। उधर भारतीय किसान यूनियन ने हरियाणा और केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि 5 मार्च तक यदि सरकार ने स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू न की और भूमि अधिग्रहण बिल वापिस नहीं लिया तो पीपली महापंचायत में आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। आंदोलन शुरू करने के बाद किसान मांग पूरी हुए बिना घर वापस नहीं जाएंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें