मदमस्त हांथी जैसा जिला प्रसाशन, दो हाथियों के मौत का जिम्मेदार- उमेश तिवारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

मदमस्त हांथी जैसा जिला प्रसाशन, दो हाथियों के मौत का जिम्मेदार- उमेश तिवारी

liveaaryaavart dot comजंगली हाथी छत्तीसगढ के जंगलों से निकलकर सीधी जिले में पहुचें है हांथियों द्वारा  किसानों की फसल नुकसान की जा रही है, आदमियों को भी हांथियों द्वारा नुकसान पहुचाया जा सकता है इस तरह की खबरे कई दिनों से स्थानीय समाचार पत्रों में लगतार दी जा रही थी ग्रामीणों द्वारा भी गावों में हाॅथियों के पहुचने तथा उनके द्वारा फसल नष्ट किये जाने की सूचना जिला प्रसाशन सहित वन विभाग को दी जा रही थी लेकिन मनमौजी एवं तानासाह जिले कि नौकरसाही अपने पदीय कर्तव्य से विमुख रही। उक्त आरोप टोंको-रोंको-ठोंको क्रान्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी नें करंट से दो हाथियों की मौत पर जिले की नौकरशाही पर लगाया है। श्री तिवारी ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अपने गाॅव में हाथियों के द्वारा किये जा रहे नुकसान की सूचना एवं संभावित खतरे से आगाह करनें हेतु कलेक्टर कार्यालय पहुचे जहाॅ ग्रामीणों को बिना सुने ही भगा दिया गया जो निन्दनीय एवं अपराधिक भी है। 

ग्रामीणों की सूचना पर यदि जिला प्रसासन, वन विभाग एवं संजय अभ्यारण के अधिकारी एवं कर्मचारीं अपने पदीय कर्तव्य का निर्वाह करते तो विजली के करेंट से दो जंगली हंाथियों की जान नही जाती। श्री तिवारी कहा कि दोनों हाथियों के मौत के जिम्मेदार जिला प्रशासन, वन विभाग, तथा संजय अभ्यारण के कर्मचारी है। जबावदेहों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होनी चाहिए साथ ही विजली विभाग की भी लापरवाही की जाॅच होनी चाहिए। इसी तरह पखवाडे भर पहले जिले के दुबरी अभयारण में हुई एक हांथी की मौत का कारण संदिग्ध है उसकी भी जांच होनी चाहिये। श्री तिवारी ने कहा है कि सीधी जिले में हुई तीन हांथियों के मौत के जिम्मेवारो को दंडित किए जानें हेतु बन मंत्री एवं बरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखूुॅगा। श्री तिवारी ने कहा कि सीधी जिले का प्रशासन बेलगाम तो है ही भष्टाचार की सीमा पार किये है जिसका परिणाम है कि सीधी जिले के बन्य जीवों का जीवन संकट में है तथा प्राकृतिक संसाधनों एवं खनिज संसाधनों की लुट बेधडक जारी है। महत्वपूर्ण योजनायें-परियोजनायें भष्टाचार के गाल में समा रही है इन्ही बेइमानों के सांठ-गांठ से ’’मगर घडियाल आभ्यारण’’ क्षेत्र के सोन नदी से अधा धुंध अवैध रेता निकासी के कारण घडियाल एवं मगर का जीवन चक्र संकटग्रस्त हो गया है । श्री तिवारी ने कहा कि सीधी जिले का प्रशासन मदमस्त हाॅथी जैसा हो गया है, जो उत्पात तो मचा रहा है पर अपने कर्तव्य धर्म का पालन नही कर रहा है। 

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