झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा .झाविमो. के छह विधायक आज औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। हटिया से विधायक नवीन जायसवाल. अमर कुमार बाउरी .चंदनक्यारी . गणेश गंजू .सिमरिया. आलोक कुमार चौरसिया .डाल्टनगंज . आर सिंह .सारठ. और जानकी यादव .बरका. यहां झारखंड भवन में मुख्यमंत्री रघुबर दास की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश ओरांव को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उन्हें सदन में भाजपा विधायकों की तरफ सीटें दी जाएं। श्री मरांडी ने श्री ओरांव को पत्र लिखकर चार विधायकों श्री जायसवाल. श्री बाउरी. श्री गंजू और श्री चौरसिया की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने इन चार विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निलंबित भी कर दिया था। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में झाविमो के आठ सीटें जीती थीं। भाजपा ने 37 और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू ने पांच सीटें जीती थीं। इस तरह भाजपा ने 42 विधायकों के र्समथन के साथ सरकार बनायी थी लेकिन मंत्रिमंडल का गठन अभी तक पूर्ण गठन नहीं हो पाया है।
नए विधायकों के आने से सरकार और मजबूत होगी
आजसू पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत ने आज कहा कि छह नए विधायकों के आने से राज्य सरकार और मजबूत होगी। श्री भगत का यह बयान उस समय आया है जब इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा.झाविमो. के छह विधायक मुख्यमंत्री रघुबर दास. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र कुमार राय और दिल्ली में झारखंड के लिए पार्टी प्रभारी त्रिवेन्द्र सिंह रावत की मौजूदगी में आज भारतीय जनता पार्टी.भाजपा. में शामिल हुए। हालांकि श्री भगत ने कहा कि जो भी पार्टी में शामिल हुए है उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि सरकार में अन्य विधायक भी मंत्रिमंडल से बाहर है। उन्होंने कहा.. राज्य की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है जिसका मतलब है कि किसी भी कीमत पर किसी भी प्रकार की सौदेबाजी को बढावा नहीं दिया जाएगा। वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस समिति ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त का व्यवसाय शुरु करने का आरोप लगाया है। जेपीसीसी के मीडिया सदस्य अजय राय ने कहा कि रघुबर दास सरकार सत्ता में रहने के लिए सभी गलत हथकंडे अपना रही है। श्री राय ने कहा.. भाजपा ने .पूर्ण बहुमत सम्पूर्ण विकास. के नाम पर वोट मांगे थे और सुशासन का वादा किया था लेकिन अब बहुमत के बावजूद वह मंत्रिमंडल का विस्तार करने के बजाय दूसरी पार्टियों के विधायकों को तोडने में व्यस्त है। गौरतलब है कि हाल में हुए विधानसभा चुनाव में झाविमो के आठ सीटें जीती थीं। भाजपा ने 37 और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू ने पांच सीटें जीती थीं। इस तरह भाजपा ने 42 विधायकों के र्समथन के साथ सरकार बनायी थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें