दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जंतर-मंतर पर भूमि अध्यादेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने जंतर मंतर पहुंचे हैं। केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार जो भी संशोधन लाई है यह किसान विरोधी है, गरीब विरोधी है। उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून जनहित में नहीं है। अब मोदी सरकार का संशोधन भी गलत है। यह प्रॉपर्टी डीलर की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों ने कांग्रेस और बीजेपी को नकार दिया है। केजरीवाल का कहना है कि जनता दोनों दलों को सबक सिखाएगी।
उन्होंने कहा कि आप पार्टी अण्णा हजारे का समर्थन करती है। बतौर मुख्यमंत्री ऐलान करता हूं कि जमीन का मुद्दा दिल्ली में केंद्र के अधीन आता है, लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार किसी की भी जमीन जबरन अधिग्रहीत नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि लोगों से जनता को सुविधा के लिए जमीन मांगे तो जनता अपने आप जमीन देगी। देश की जनता पर बुलडोजर चलाने से काम नहीं चलेगा। जब भी दिल्ली में जमीन ली जाएगी, बाजार मूल्य से मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अण्णा जी के साथ हैं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के तमाम विभागों के प्रमुखों से कहा कि अण्णा जी से मार्गदर्शन लें।
तीन साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में अण्णा के साथी रह चुके केजरीवाल सोमवार को महाराष्ट्र सदन गए थे। वह आम आदमी पार्टी का गठन होने के मुद्दे पर दो साल पहले एक-दूसरे से अलग होने के बाद गांधीवादी नेता से मिले थे। कल ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रदर्शन में केजरीवाल की भागीदारी के बारे में दोपहर में घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल की भागीदारी प्रतीकात्मक स्वरूप की हो सकती है। बता दें कि अण्णा ने यह घोषणा की थी कि कोई भी नेता उनके साथ मंच साझा नहीं कर सकता है। लेकिन कल ही उन्होंने केजरीवाल के संबंध में यह छूट दी थी।
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