पटना। यह भी कालचक्र है। अपने अतीत के बारे में एक मुख्यमंत्री को जगजाहिर करना पड़ रहा है।राजनीति के मैदान में 34 साल से हूं।कभी मगध सिडिकेंट के सदस्य रहे। लोक सेवाकार्य सूबे के उप मंत्री और मंत्री के रूप में रह कर किए।लोकसभा के चुनाव में जनता के द्वारा जदयू को नकारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदत्याग कर दिए।इसके बाद महादलित मुसहर वर्ग के बेटे जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। तब से जदयू के कार्यक्रमों को लागू करते चले गए।
मुख्यमंत्री बनाकर महागलती कर दिएः आम आदमी के द्वारा जदयू को नकारने के बाद नैतिकता की दुहाई देकर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिए। अब कहते हैं कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर गलती कर दिए। इस पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि गलती ही नहीं,बल्कि महागलती कर दिए हैं। बस रबड़ स्टांप बनाकर रखना चाहते थे पूर्व मुख्यमंत्री। कठपुतला बनकर रहने से कार्य नहीं कर पा रहे थे। अब बंधन से मुक्त हूं। इसके आलोक में विकास कार्य प्रगति पर है।सभी क्षेत्र में कल्याण और विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय भूमिहीनों को 3 डिसमिल जमीन के बदले 5 डिसमिल जमीन दे रहे हैं।जमीन क्रय करने के लिए 20 हजार रू.देने की स्वीकृति प्रदान किए। अब तो एमबीआर पर जमीन खरीद कर आवासहीनों को जमीन दी जा रही है। इसे शहर और गांव में भी लागू किया जा रहा है।
जब खुलकर मुख्यमंत्री ने सवाल उछालाः अगर (नीतीश कुमार) आपको कुर्सी से प्रेम है। तो सहजता से बोल देते। उसी समय कुर्सी छोड़ देते। मगर आप भीष्म पितामह बन गए। अपने प्रवक्ताओं के सहारे जीतन राम मांझी के खिलाफ आग उगलवाते रहे। आखिर इस परिस्थिति का जनक कौन है? यह सब मामले को देखकर ही स्वाभिमान जाग उठा।सभी तबके के लोगों का विकास होने लगा। एमएलए और अफसर भी सहजता से मुलाकात करने लगे। तब जाकर सभी लोगों के सहयोग से सरकारी दफ्तरों में मक्खियों की तरह भिनभिनाते बिचैलियों का अंत कर दिए। इसके बाद ठेकेदारों पर भी नकेल कंसने लगे। तब यह परिणाम सामने है। लगभग 10 हजार करोड़ रू. ठेकेदारों के पास चला जाता है। इनको 10 प्रतिशत काॅन्ट्रैक्ट बेनेफिट भी दिया जाता था। अब ठेकेदारी में भी एससी/एसटी को आरक्षण दिया जा रहा है। 3 और 4 श्रेणी में आरक्षण दिया जा रहा है। पब्लिक सेंटर में कार्य करना चाह रहे थे। अब दूसरी बार समय मिलने पर और अधिक कार्य करेंगे।
20 फरवरी को विधान सभा में विश्वास मत हासिल करेंगे?ः मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कहते हैं कि 20 फरवरी को बिहार विधान सभा में विश्वास मत हासिल करेंगे। सभी दलों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है।अगर विश्वास मत प्राप्त नहीं कर सकें तो तत्क्षण इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि जीतन राम मांझी हाॅर्स ट्रैडिंग कर रहे हैं। इस संबंध में कहते हैं कि मैं तो फकीर का बेटा हूं। किस तरह से विधायकों को खरीद फरोख्त कर सकते हैं। महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के समक्ष लगभग 100 विधायकों की परेड करवाए। इनको आलिशान होटलों में रखा गया। प्रति विधायक लाखों रू. खर्च कर रहे हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि टिकट लेना है विधान सभा में पहुंचने के लिए। तब खुद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवैधानिक पद पर आसीन महामहिम राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से 48 घंटे के अंदर मत विभाजन करने का आग्रह करने लगे। इस पर महामहिम ने व्यवस्था दी है कि 20 जनवरी को ही वजट सत्र 20 फरवरी से विधान मंडल की बैठक आहुत होने वाली है। इस दिन महामहिम विधान मंडल को संबोधित करेंगे। इसके बाद मत विभाजन होगा। अब देखना है मझधार में मांझी की नाव का परिणाम क्या होता है?
आलोक कुमार
बिहार
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