जम्मू कश्मीर में मुफ्ती मुहम्मद सईद के नेतृत्व में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार एक मार्च को शपथ ले सकती है और दोनों दलों ने अफस्पा और अनुच्छेद 370 पर मतभेदों समेत अन्य सभी मुद्दों पर सहमति का रास्ता निकाल लिया है. गठबंधन को औपचारिकता प्रदान करने के लिए पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती आज शाम भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलेंगी. दोनों नेता आपसी बातचीत के आधार पर गंठबंधन के एजेंडे को अंतिम स्वरूप देंगे. इसे अंतिम स्वरूप देने के बाद एजेंडा फॉर एलायंस नाम से राज्य व देश की जनता के लिए जारी किया जायेगा. सूत्रों के अनुसार, एक मार्च को मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है.
सात हफ्तों से दोनों दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही है. इसके बाद पीडीपी संरक्षक सईद इस हफ्ते के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. दोनों दलों के बीच चल रही बातचीत से जुडे सूत्रों ने सोमवार को यहां कहा कि शपथ ग्रहण समारोह एक मार्च को हो सकता है. सूत्रों के अनुसार एक मार्च की तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह एक शुभ दिन है.
सूत्रों ने कहा कि सईद छह साल तक राज्य के मुख्यमंत्री होंगे वहीं भाजपा के निर्मल सिंह उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं. सईद ने इससे पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन में 2002 से तीन साल तक सरकार चलाई थी. पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पीडीपी को 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें मिली हैं और वह सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरी. भाजपा को 25 सीटें मिली हैं.
आखिरी समय में किसी तरह के अवरोध की आशंका को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि सहमति हो चुकी है और सईद-मोदी की मुलाकात के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को जारी किया जाएगा.
सात हफ्तों से दोनों दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही है. इसके बाद पीडीपी संरक्षक सईद इस हफ्ते के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. दोनों दलों के बीच चल रही बातचीत से जुडे सूत्रों ने सोमवार को यहां कहा कि शपथ ग्रहण समारोह एक मार्च को हो सकता है. सूत्रों के अनुसार एक मार्च की तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह एक शुभ दिन है.
सूत्रों ने कहा कि सईद छह साल तक राज्य के मुख्यमंत्री होंगे वहीं भाजपा के निर्मल सिंह उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं. सईद ने इससे पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन में 2002 से तीन साल तक सरकार चलाई थी. पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पीडीपी को 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें मिली हैं और वह सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरी. भाजपा को 25 सीटें मिली हैं.
आखिरी समय में किसी तरह के अवरोध की आशंका को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि सहमति हो चुकी है और सईद-मोदी की मुलाकात के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को जारी किया जाएगा.
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