अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने की कोशिश चल रही है। बाबरी मस्जिद मामले के प्रमुख याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी ने अखाड़ा परिषषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास से मुलाकात की। दोनों ने अयोध्या विवाद को सुलझाने में नए प्रस्ताव पर चर्चा की। अब यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करने की तैयारी चल रही है।
विवादित भूमि पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनाने का प्रस्ताव है। अयोध्या के प्रसिद्ध हमुमान गढी मंदिर के महंत ज्ञानदास ने बताया कि नए प्रस्ताव के अनुसार अयोध्या की 70 एकड़ भूमि पर मंदिर व मस्जिद बनाया जाएगा और दोनों के बीच करीब 100 फीट ऊंची दीवार खड़ी की जाएगी। दोनों में 100 मीटर की दूरी होगी। अंसारी अपने पुत्र इकबाल के साथ हमुमान गढ़ी में महंत ज्ञानदास से मिले थे। 30 सितंबर 2010 को हाइकोर्ट ने भी कुछ ऐसा ही निर्णय सुनाया था। इसके बाद से ही मामले को कोर्ट के बाहर सुलझाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
महंत ज्ञानदास ने कहा, 'हम इस नए मसौदे को जल्द पूरा करने वाले हैं। इसे सुनवाई शुरू होने के बाद जल्द सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। इस मुद्दे पर सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।' खुद को विश्व हिंदू परिषद से दूर करते हुए महंत ने कहा कि हमारी शांति प्रक्रिया में यह संगठन शामिल नहीं है क्योंकि विहिप ने कभी नहीं चाहा कि राम मंदिर बने। उन्होंने कहा कि वे विहिप की उस मांग का भी विरोध करते है जिसमें उन्होंने मस्जिद को पंच कोसी परिक्रमा के बाहर बनाने को कहा है।
अंसारी ने कहा कि अंतिम मसौदा तैयार हो जाए, फिर हम इस पर वे सभी वरिष्ठ धर्मगुरुओं के हस्ताक्षर लेंगे जिन्होंने शुरू से इस मामले में सहयोग किया है। मसौदे को सुप्रीम कोर्ट में दायर करने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा। नए प्रस्ताव के लिए सभी प्रमुख हिंदू संस्थानों के प्रमुख, धर्मगुरू और अध्यात्मिक गुरुओं से चर्चा की है। हमारे नए प्रस्ताव पर हर किसी ने सहमति जताई है। जल्द ही हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और प्रस्ताव सामने रखेंगे। हम उनसे इस मामले के शांतिपूर्ण निपटारे के लिए मदद, समर्थन, और सहयोग मांगेंगे।
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