सस्ती बिजली को लेकर सियासत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

सस्ती बिजली को लेकर सियासत

दिल्ली में सस्ती बिजली के आम आदमी पार्टी के वादे पर पीएम के बयान के बाद सियासत शुरू हो गई है। रविवार को प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन राज्यों के पास बिजली नहीं है वो जनता को मुफ्त बिजली देने का वादा करते हैं। पीएम के इस बयान पर आम आदमी पार्टी ने उनसे दिल्ली को सस्ती बिजली मुहैया कराने की अपील की थी। लेकिन पीएम के इस बयान पर कांग्रेस हमलावर अंदाज में सामने आई है। पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री पंजाब की अकाली-बीजेपी सरकार के किसानों को फ्री बिजली के वादे पर क्यों खामोश हैं?

सस्ती बिजली का ये वादा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की बड़ी वजह बना। अब सबकी नजर इस पर है कि आखिर केजरीवाल दिल्ली को आधे दाम पर बिजली कैसे दिलाएंगे। बिजली पैदा करने में बेहिसाब खर्च होता है और सस्ती बिजली का बोझ खजाने पर पड़ता है। इसी के मद्देनजर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुटकी लेते हुए लोगों को इस परेशानी से आगाह किया।

प्रधानमंत्री ने गुजरात का हवाला देते हुए याद दिलाया कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होने बिजली की कीमत बढ़ाई थी। तत्काल तो इसकी आलोचना हुई, लेकिन बाद में इसका फायदा हुआ। पीएम के इस बयान पर आम आदमी पार्टी ने तो सहयोग की अपील कर खामोश हो गई। लेकिन अब कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए पीएम पर हमला किया। मनीष तिवारी ने पूछा कि पंजाब में अकाली-बीजेपी की सरकार किसानों को मुफ्त बिजली दे रही है उस पर वो क्या कहेंगे?

जाहिर है नेता सियासत का मौका क्यों चूकेंगे भला, लेकिन दिल्ली में सस्ती बिजली सचमुच एक बड़ा मुद्दा है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सब्सिडी के जरिए बिजली दरें कम करने का भरोसा दिया है। जानकारों के मुताबिक इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सवाल है कि आम आदमी पार्टी खजाने पर पड़ने वाले इस बोझ की भरपाई कैसे करेगी।  

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