आज पूरे देश को जोड़ने वाली रेलवे का बजट आने वाला है। खबरों के मुताबिक यात्री किराए में बढ़ोतरी के आसार काफी कम हैं, लेकिन सुरक्षा के अलावा एफडीआई और पीपीपी के जरिए निवेश को बढ़ाने की कोशिश हो सकती है।
इस बार के रेल बजट में यात्री और माल भाड़ा बढ़ने की उम्मीद कम है। लेकिन रेल मंत्री रेल लाइनों की डबलिंग और ट्रिपलिंग, सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन जैसे ऐलान करने जा रहे हैं। साथ ही रेलवे में निवेश बढ़ाने के लिए पीपीपी के अलावा स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के जरिए राज्य सरकारों की भूमिका पर जोर दिया जा सकता है। इसके साथ ही रेलवे की जमीन के कमर्शियल इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा सकता है। यहां कल के रेल बजट पर खास चर्चा की जा रही है।
भारतीय रेल 64,460 किलोमीटर लंबा रूट जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। भारतीय रेल से रोज 26.5 लाख टन माल की ढ़ुलाई होती है। और रोज 2.3 करोड़ यात्री भारतीय रेल से सफर करते हैं। भारतीय रेल की सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2014 में यात्री सेगमेंट में इसको 30,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। मार्च 2014 तक भारतीय रेल को प्रति यात्री 23 पैसे प्रति किलो मीटर का घाटा उठाना पड़ा है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से भारतीय रेल पर 70,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। भारतीय रेल को अपने 359 अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। इसके साथ ही गोल्डेन क्वॉड्रिलेट्रल प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए इसको 9 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है।
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