एनडीए की सहयोगी और मोदी सरकार में शामिल शिवसेना ने मंगलवार रात साफ शब्दों में ऐलान कर दिया कि वह वर्तमान स्वरूप में भूमि अधिग्रहण कानून का समर्थन नहीं करेगी. साथ ही उसने बीजेपी को भी नसीहत दी कि वह ‘किसानों का गला दबाने का पाप न करे.’’
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बयान जारी कर कहा, ‘‘शिवसेना के ऐसे कानून का समर्थन करने का सवाल ही नहीं है जो किसानों के हित के खिलाफ है.’’ बयान ऐसे समय में आया है जब संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राजग के विभिन्न सहयोगी दलों के साथ बैठक कर भूमि अधिग्रहण विधेयक पर उनका विचार जानना चाहा. यह विधेयक दिसम्बर में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा.
ठाकरे ने बीजेपी से कहा कि पार्टी के उपर काफी विश्वास कर किसानों ने उसे सत्ता सौंपी है. राज्यसभा में शिवसेना के नेता संजय राउत की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, ‘‘किसानों का गला दबाने का पाप मत कीजिए.’’ बीजेपी के बाद राजग में शिवसेना दूसरा सबसे बड़ा दल है जिसके लोकसभा में 18 सांसद और राज्यसभा में तीन सदस्य हैं. ठाकरे ने कहा कि शिवसेना उद्योग और आर्थिक विकास की विरोधी नहीं है लेकिन इसे जबरन जमीन अधिग्रहण कर हासिल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘‘फिर इस तरह के कार्यों की समीक्षा की भी जरूरत है.’’
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