हिंसक चरमपंथ से मुकाबला करने के लिए अमेरिका में आज से शुरू हो रहे शिखर सम्मेलन में भारत समेत 60 से अधिक देश भाग लेंगे। यह सम्मेलन ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा है जब आईएसआईएस की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और फ्रांस एवं डेनमार्क में हाल ही में आतंकी हमले हुए हैं।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि घरेलू स्तर पर बढ़ते आतंकवाद के मद्देनजर तीन दिवसीय इस शिखर सम्मेलन के पहले दो दिन घरेलू चरमपंथ पर प्राथमिक रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सम्मेलन के आखिरी दिन यानी बहस्पतिवार को 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि विदेशी लड़ाकों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व शक्तिशाली संयुक्त खुफिया समिति के अध्यक्ष आर एन रवि करेंगे। भारत पिछले कई दशकों से विदेश समर्थित आतंकवाद से पीड़ित रहा है और नक्सलियों एवं माओवादियों समेत घरेलू हिंसक चरमपंथ की चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कल कहा, यह हिंसक चरमपंथ को रोकने और उससे निपटने के लिए हमारे वैश्विक गठबंधन को विस्तत एवं गहरा करने का एक समग्र एवं बहुत महत्वाकांक्षी एजेंडा है।
इस सम्मेलन में हिंसक चरमपंथियों और उसके समर्थकों पर अंकुश लगाने, उन्हें अमेरिका एवं अन्य देशों में लोगों एवं समूहों को हिंसा के लिए उकसाने से रोकने की खातिर घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों पर बल दिया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतत्व में विदेश मंत्री जॉन केरी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजैन राइस समेत प्रशासन के शीर्ष अधिकारी व्हाइट हाउस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। ओबामा सम्मेलन को दो बार संबोधित करेंगे।
पिछले कुछ माह में हुई घटनाओं खासकर सीरिया और इराक में आईएसआईएस के उभार और फ्रांस तथा डेनमार्क में हुए हालिया आतंकी हमलों को देखते हुए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण हो गया है। अधिकारी ने बताया, हिंसक चरमपंथ से निपटना आतंकवादियों और विशेषकर आईएसआईएल जैसे संगठनों से निपटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न तरीकों में से केवल एक तरीका है। उन्होंने कहा कि सूचना साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सरकारों को पता हो कि कौन नुकसान पहुंचा सकता है और बचाव के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं।
सम्मेलन में हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए प्रभावशाली तकनीकों एवं रणनीतियों पर बल दिया जाएगा। 19 फरवरी को मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद तीन दिवसीय सम्मेलन में एक विज्ञप्ति जारी की जा सकती है जिसमें उन चिंताओं एवं मुख्य विषयों का जिक्र किया जाएगा जिन पर सम्मेलन में चर्चा हुई। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि इस विज्ञप्ति में, सरकारों तथा अन्यों की प्रतिबद्धताओं का भी जिक्र किया जाएगा।
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