गुलबर्ग सोसाइटी फंड गबन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोशल ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है । इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने मामले को उठाया था। तीस्ता के वकील सिब्बल और प्रशांत भूषण ने मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाते हुए कहा था कि यह असाधारण परिस्थिति है और ऐसे में मामले की तुरंत सुनवाई की जानी चाहिए।
गुरुवार को कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय करते हुए तब तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट से तीस्ता को राहत मिली और उनकी गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई। मामले की सुनवाई के लिए 19 फरवरी का दिन तय किया गया है।
इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस जे.बी. परदीवाला ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और प्रथम नजर में ऐसा लग रहा है कि इन लोगों ने ट्रस्ट के फंड का इस्तेमाल निजी कामों के लिए किया, इसलिए इन्हें अग्रिम जमानत का सुरक्षा कवच नहीं दिया जा सकता है। तीस्ता ने अनुरोध किया था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील का मौका देते हुए आदेश पर रोक लगाई जाए।
2002 में दंगों में तबाह हुई गुलबर्ग सोसायटी के एक म्यूजियम के फंड का कथित तौर पर गोलमाल के मामले में जांच में तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा जांच में सहयोग न करने का आरोप है। गुजरात दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी और गुलबर्ग सोसायटी के निवासी फिरोज गुलजार भी इस मामले में आरोपी हैं।
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