उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 फ़रवरी) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 फ़रवरी)

टीम वर्क से ही लोक सेवाओं की संतोषजनक डिलीवरी सम्भव : हरीष रावत
  • अच्छा काम करने पर अधिकारी को पहचान मिलती है 

uttrakhand news
देहरादून, 12 फरवरी, (निस)। दिल्ली में ‘‘ंआप‘‘ पार्टी मिले जनादेष के बाद राज्य के नेताओं को भी सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि यदि सत्ता में रहना है तो जनाकांक्षाओं को देरकिनार नहीं किया जा सकता है। प्रदेष के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भारतीय प्रषासनिक दिवस पर आयोजित राज्य के प्रषासनिक अधिकारियों के सम्मेलन में कहा कि बढ़ती जनआकांक्षाओं के दौर में राजनीतिक नेतृत्व, अधिकारियों व कर्मचारियों को एक टीम की तरह काम करना होगा तभी लोक सेवाओं की संतोषजनक डिलीवरी सम्भव होगी। सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जनहित में एक बार निर्णय लेने के बाद उसके सफल क्रियान्वयन में कोई कमी नहीं रखी जानी चाहिए। अच्छा काम करने पर अधिकारी को पहचान मिलती है।  विशम परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास को बरकरार रखते हुए अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करना ही सक्षम व योग्य अधिकारी की पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनतांत्रिक व्यवस्था में परिणाम के आधार पर ही सफलता का मूल्यांकन होता है। इसलिए जरूरी है कि जनअपेक्षाओं के अनुरूप अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लोकसेवाओं की उपलब्धता हो। सेवाओं के डिलीवरी सिस्टम पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उŸाराखण्ड में अधिकारियों को अपनी योग्यता व क्षमताओं का प्रदर्शन करने की अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य में अधिकारी विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। जनहित में अनेक निर्णय लिए जाते हैं। निर्णय का परिणाम चाहे अच्छा हो या बुरा, उसकी जिम्मेवारी सामूहिक होती है। अधिकारी पूरे विश्वास के साथ काम करें, सरकार जनहित में किए गए उनके सभी कार्यों में पूरी तरह से साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया विस्फोट के युग में लोगों की सरकार से अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हो रही हैं। जनता अब तुरंत परिणाम चाहती है। हमें देखना होगा कि इन जनअपेक्षाओं को किस तरह से समयबद्धरूप से पूरा किया जा सकता है। मीडिया में बहुधा आलोचनात्मक विवेचना होती है। बहुत सी बार मीडिया हमारी कमियों को पाइन्ट आउट करता है। हमें इन्हें सकारात्मक तरीके से लेना चाहिए।  परंतु आलोचनाओं से आत्मविश्वास भी कम नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ग, हर व्यक्ति की सरकार से बहुत सी उम्मीदें होती हैं। डिलीवरी आॅफ पब्लिक सर्विसेज, सरकार व प्रशासन की सफलता का पैमाना होता है। बहुधा ऐसा होता है कि प्रशासन स्तर पर काम हो जाता है परंतु लाभार्थी को इसका पता नहीं होता है। प्रशासन व व्यक्ति के बीच संवादहीनता से ऐसी स्थिति आती है। सेवा की डिलीवरी के साथ ही फालोअप भी उतना ही जरूरी है। फील्ड में काम कर रहे अधिकारियों को बारिकियों पर ध्यान देना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी, युवा अधिकारियों से अपने अनुभव साझा करें व उनका उत्साहवर्धन करें। युवा अधिकारियों को जनअपेक्षाओं, अधिकारों की सीमा व वरिष्ठों द्वारा दिए गए निर्देशों में संतुलन कायम करते हुए लोकसेवाओं की डिलीवरी का रास्ता निकालना होता है। इसमें दुविधा का शिकार ना होकर निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। अधिकारियों में  पहल करने की क्षमता होनी चाहिए। मुख्य सचिव एन रविशंकर ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए अधिकारी वर्ग अपनी पूरी योग्यता व क्षमता से काम कर रहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान करते हुए जनअपेक्षाओं की पूर्ति व लोक सेवाओं की डिलीवरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मानव विकास सूचकांक पर विश्ेाष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, राधा रतूड़ी, डा. रणवीर सिंह सहित अन्य प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा. उमाकांत पंवार ने किया।

विपरीत राजस्व प्राप्ति की धीमी गति पर सीएम ने की गहरी नाराजगी व्यक्त

देहरादून, 12 फरवरी,(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर गेस्ट हाउस में उत्तराखण्ड वन विकास निगम के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निगम द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार राजस्व प्राप्ति की धीमी गति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि वन विकास निगम के अधीन जिन क्षेत्रों में खनन कार्य किया जा रहा है, वहां पर पूरी पारदर्शिता रखी जाय। किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा अवैध खनन की शिकायत प्राप्त होने पर उसकी तत्काल जांच की जाय। जांच में दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वन विकास निगम अपने संसाधनों को और बढ़ाये। निगम को और अधिक व्यावसायिक होना चाहिए। अपने कार्य में पुराने तौर तरीकों के बजाय कुछ नयापन लाये। ऐसे प्रयास हो, ताकि निगम के अधिकार वाले क्षेत्रों में शत-प्रतिशत राजस्व प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन की शिकायते निरंतर मिल रही है, इससे निगम की कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों और एस.एस.पी. को निर्देश दिये गये है कि जनपदों में अवैध खनन पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाय। खनन के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाशत न की जाय। नियमित रूप से चेकिंग अभियान संचालित किये जाय, ताकि अवैध रूप से खनन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा सके। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि निगम के अधिकार वाले जिन क्षेत्रों के मामले केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में लंबित है, उनके लिए प्रभावी पैरवी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप खनिज से प्राप्त होने वाले राजस्व के जो लक्ष्य निर्धारित किये गये है, उन्हें प्राप्त करने के लिये कारगर प्रयास किये जाय।  बैठक में अध्यक्ष उत्तराखण्ड वन विकास निगम हरीश धामी द्वारा बताया गया कि निगम द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किये गये है, उन्हें प्राप्त कर लिया जायेगा। उनके द्वारा स्वयं भी जनपदों में निगम द्वारा संचालित कार्यों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर निगम के अधिकार क्षेत्र से होने वाले उप खनिज की निकासी में अनियमितताएं पायी गई है। जिसके लिए संबंधित जिलाधिकारी को कार्यवाही के लिए निर्देश दिये गये थे। श्री धामी ने बताया कि निगम की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा रहा है। निगम को वर्तमान समय की आवश्यकतानुसार व्यावसायिक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए दक्ष मानव संसाधनों की आवश्यकता है। बैठक में मुख्य सचिव एन.रवि.शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव वन रणबीर सिंह, उत्तराखण्ड वन विकास निगम प्रबंध निदेशक श्रीकांत चंदोला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

पुलिस प्रशासन ने चलाई तबादला नीति

देहरादून, 12 फरवरी(निस)। डीआईजीध्एसएसपी पुष्पक ज्योति ने तत्काल निर्णय लेते हुए सोलहा एसआई के तबादले किये है। जिनमें से कुछ को दूसरे थाना चैकियों में भेजा गया है। वहीं कुछ को पुलिस लाईन अटैच किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार एसआई योगेन्द्र बाजवा को थाना रायपुर से थाना कोतवाली भेजा गया है। एसआई चन्दन नैथानी को चैकी प्रभारी नेहरू कालोनी बनाया गया है। चैकी इंचार्ज आराघर विकास रावत को चैकी इंचार्ज हाथी बड़कला का जिम्मा दिया गया है। एसआई रायचंद सिंह को थाना रानी पोखरी से चैकी इंचार्ज हरिपुर कला बनाया गया है। एसआई प्रकाश पोखरियाल को चैकी प्रभारी आईडीपीएल बनाया गया है। एसआई अरविंद कुमार को उपनिरीक्षक थाना विकासनगर बनाया गया है। एसआई दिगपाल कोहली को वरिष्ठ उपनिरीक्षक थाना विकासनगर बनाया गया है। एसआई मारूत शाह को पुलिस लाइन्स से होमगार्ड सैल भेजा गया है। एसआई वेदप्रकाश थपलियाल को पुलिस लाईन से एसआईएस शाखा भेजा गया है। जबकी विनोद थपलियाल को पुलिस लाईन से थाना कोतवाली भेजा गया है। एसआई कृष्ण कुमार को होमीसाइड शाखा से थाना डालनवाला भेजा गया है। एसआई विनोद गोला को थाना पटेलनगर भेजा गया है। एसआई विक्की टम्टा को थाना प्रेमनगर से एसओजी में भेजा गया है। एसआई रंजित खनेड़़ा को थाना कैण्ट से थाना प्रेमनगर भेजा गया है। एसआई ठाकुर सिंह रावत को पुलिस लाइन से थाना रानीपोखरी भेजा गया है। कप्तान पुष्पक ज्योति ने बताया कि सभी एसआई को उनकी योग्यता के अनुसार जरूरी थाना-चैकियों में भेजा गया है। आगे की भी आवश्यकता पडने पर इस तरह के फेर-बदल किये जाएंगे। 

पूरी रात पेड़ पर रहें आंदोलनकारी 

देहरादून, 12 फरवरी(निस)। चिन्हिकरण समेत विभिन्न मांगों को लेकर तीन महिला आंदोलनकारियों गुरूवार को भी पेड़ पर चढ़ी रही। मुलाकात करने आये प्रशासनिक अधिकारी से मांगों को पूरा करवाने पर अड़ उन्होंने मांगे पूरी न होने तक पेड़ से न उतरने की चेतावनी दी। गौरतलब है कि बीते दिन से ही शहीद स्थल पर तीन महिला आंदोलनकारी भूमा देवी, सावित्री नेगी और भुवनेश्वरी नेगी शहीद स्मारक स्थित पेड़ पर चढ़ी। पूरी रात को पेड़ पर चढ़े रहने के कारण जब वे नहीं उतरी तो प्रशासनिक अधिकारी विनोद शर्मा ने उनसे मुलाकात की तो आंदोलनकारी ने गोलमोल रवैया लगाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पेड़ से न उतरने की चेतावनी दी। इससे पहले भी २४ जनवरी को उत्तरकाशी की एक महिला आंदोलनकारी भी इसी तरह से पेड़ पर चढ़कर हड़कंप मचा दिया था। जिसके बाद पुलिस व प्रशासन की सहमति के बाद महिला को जैसे तैसे पेड़ से उतारा गया था। महिला के पेड़ पर चढ़ते ही कचहरी परिसर पर हड़कंप मच गया था।  पुलिस को मिली तो आनन-फानन में पुलिस के अफसर फोर्स के साथ वहां पंहुचे और महिला को नीचे उतरने का आग्रह करते रहे। लेकिन महिला प्रदर्शनकारी ने पुलिस की एक नहीं सुनी। उनकी मांग है कि चिहिन्त आंदोलनकारी सरकार से पांच हजार रूपए मासिक एक समान पेंशन, दस फीसदी आरक्षण, उपनल और रमसा के जरिए भर्ती में आरक्षण की मांग की। महिला प्रदर्शनकारी ने चेतावनी दी है कि यदि वह तब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तब तक वे पेड़ से नीचे नहीं उतरेगी। खबर लिखें जाने तक हिला पेड़ पर ही चढ़ी रही।

मलेथा में स्टोन क्रेशरों के खिलाफ उतरेगी आम आदमी पार्टी

देहरादून, 12 फरवरी(निस)। मलेथा में स्टोन क्रेशरों को हटाये जाने की मांग कर रही है जो उनकी ऐतिहासिक घाटी की सघन खेती को बचाये रखने का प्रयास है। आम आदमी पार्टी मलेथा के स्थानीय लोगों का समर्थन करते हुए जिलाधिकारी कार्यलय में प्रदर्शन कर सीएम को ज्ञापन सौंपेगे। यह जानकारी हिन्दी भवन में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए जिला संयोजक संजय भट्ट ने दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जबर्दस्त जी पर हम दिल्ली की जनता को बधाई है। उन्होंने इसे जनता की समझदारी बताते हुए देश में एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरूआत की है। उन्होंने इस जीत पर सभी की जीत बताई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के परिणामों का प्रभाव पूरे देश में पडना अवश्यम्भावी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के यिले अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। उन्ळेांने कहा कि दर्जनों लोगों के बलिदान से वर्ष 2000 में गठित उत्तराखंड जब तक भाजपा और कांग्रेस की सरकारों की लूट का केन्द्र बन गया है। क्षेत्रीय दल, हिमालयी प्रदेश को लेकर कोई परिपक्व दृष्टि न होने तथा साधनविहीनता के चलते न सिर्फ इन्हीं दो दलों से पिटते रहे या फिर उत्तराखंड को लेकर एक समग्र दृष्टि है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अतिरिक्त उत्तराखंड ही वह प्रदेश है, जहां की इकाई ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपना घोषणापत्र तैयार किया था। अब दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में पूरे उत्साह और विश्वास के साथ इस घोषणापत्र के सथ भाग लेंगे और भाजपा कांग्रेस से परेशान जनता की आंकाक्षाओं पर खरा उतरेगे। उन्होंने मलेथा में क्षेत्रीय जनता, अपनी इस ऐतिहासिक सुरम्य घाटी जो अपनी सघन खेती के लिये सुप्रसिद्ध है कि सुरम्यता, ऐतिहासिकता व जनजीवन को प्रदूषित कर बर्बाद करने वाले स्टोन क्रेसरों को वहां से हटाने के लिये संघर्षरत है। उन्ळेांने कहा कि उनकी एक नेता कमला पंन्त के नेतृत्व में वहां की स्थितियों का अध्ययन किया गया। जिसके बाद वे इस विषय को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौपेंगे। पत्रकार वार्ता में राजेश बहुगुणा, सुरेश नेगी, विशाल चैधरी, कमल देवराडी, सुनीता सिंह, प्रिंयका बहल, तुषार रावत, राजीव राजपूत, दिनेश पेटवाल, सुशील सैनी, प्रहलाद बिष्ट आदि मौजूद थे। 

हल्द्वानी लाया गया बैंक मैनेजर का शव, कोहराम 

देहरादून, 12 फरवरी(निस)। अमृतसर से बैंक मैनेजर का शव गुरूवार को उसके हल्द्वानी स्थित आवास में पहुंच गया है। शव देख परिजनों में कोहराम मच गया। बता दें कि बीती 4 फरवरी को मुखानी स्थित नैनीताल बैंक का मैनेजर अंबिका बिहार कालोनी निवासी प्रदीप भट्ट बैंक कर्मियों से यह कहकर निकला था कि वह रेलवे बाजार में किसी कार्य के लिए जा रहा है। इस दौरान वह अपना मोबाइल फोन और बाइक भी बैंक परिसर में ही छोड़ गया, लेकिन इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। देर शाम तक घर न पहुंचने पर परिजनों ने उसकी ढंूढखोज शुरू की, लेकिन उसका कुछ अता-पता न चल सका। जिस पर परिजनों ने पुलिस की शरण ली और उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। लेकिन उसका कोई सुराग न लगने पर बीते दिवस क्षेत्रवासियों ने पुलिस अधिकारियों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई थी। तीन दिन पूर्व प्रवीण का शव अमृतसर रेलवे स्टेशन से बरामद हुआ। वहां पोस्टमार्टम कराने के बाद आज उसका शव हल्द्वानी स्थित आवास में लाया गया। शव को देखकर उसके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

बंद नहीं हुआ खनन तो होगा अनशन

  • -मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती बोले 
  • -खनन की अनुमति निरस्त करने व डीएम को सस्पेंड करने की मांग 
  • -मांगे पूरी नहीं हुई तो 19 फरवरी से होगा अनशन 

देहरादून,12 फरवरी (निस)। खनन के विरोध में एक बार फिर मातृसदन की भृकुटि तन गयी है। मातृसदन ने खनन की अनुमति निरस्त करने और डीएम हरिद्वार को निलंबित करने की मांग की है। चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के अंदर ऐसा नहीं किया गया तो 19 फरवरी से अनशन किया जायेगा। गुरूवार को मातृसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने यह ऐलान किया। उन्होंने खनन के मुददे पर सरकार और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दोटूक कहा कि हरिद्वार के जिलाधिकारी हरीशचंद्र सेमवाल के आते ही खनन की अनुमति दे दी गयी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीएम की खनन माफियाओं के साथ संलिप्तता है । स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा रक्षा की खातिर मातृसदन आंदोलन करता आ रहा है और करता रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी कोई भी ऐसा कार्य नहीं करने दिया जायेगा जिससे गंगा का सीना छलनी हो। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर खनन की अनुमति निरस्त की जाये और जिलाधिकारी हरिद्वार को निलंबित किया जाये। उन्होंने यह कहा कि जिलाधिकारी हरिद्वार की एक उच्चस्तरीय कमेटी से जांच भी करायी जाये। स्वामी शिवानंद ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो 19 फरवरी से अनशन किया जायेगा। अनशन कौन करेगा, इसकी घोशणा 18 फरवरी को कर दी जायेगी।

प्रदेश में भाजपा के 6 लाख 95 हजार 720 आॅन लाइन सदस्य बने

  • -अप्रैल महीने में पार्टी चलाएगी विशेष संपर्क अभियान

देहरादून,12 फरवरी (निस)। भाजपा की सांगठनिक दृष्टि से गठित 22 जिलों, 198 मंडलों, 670 न्यायपंचायतों, 7657 ग्रामपंचायतों, 10,183 बूथों में सदस्यता महाअभियान चरम पर है। प्रदेश मेें 7 फरवरी तक 6 लाख 95 हजार 720 आॅन लाइन सदस्य बनाए गए। अप्रैल महीने में हर व्यक्ति तक केंद्र सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने के लिए पार्टी द्वारा विशेष संपर्क अभियान चलाया जाएगा। बलवीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी प्रदेश सदस्यता प्रमुख व सूबे के पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौंर्याल ने कहा कि गत 23 जनवरी, 24 जनवरी और 25 जनवर ी को बूथ सदस्यता पर्व के रूप में सभी जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने अपने बूथों पर सदस्य बनाए। 1 फरवरी से 5 फनवरी तक सदस्यता की समीक्षा की गई। सभी पूर्णकालिकों ने प्रथम चरण में सदस्यता एकत्रीकरण सप्ताह के रूप में 100 सदस्य बनाने वाले पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के सदस्यता फार्म मंडल में जमा किए गए। 7 फरवरी तक प्रदेश में 6 लाख 95 हजार 720 आॅन लाइन सदस्य बनाए गए, जो कि लिपिबद्ध हैं। 11 फरवरी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर भी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने बूथों में बूथ सदस्यता दिवस के रूप मेें सदस्यता अभियान को गति प्रदान की। आगामी कार्यक्रम 26 फरवरी को वीर सावरकार की पुण्यतिथि से 28 फरवरी डा. राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि तक अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पूर्व सैनिकों के बीच जाकर सदस्यता को गति प्रदान करेंगे, जिसमें केंद्रीय पदाधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। सदस्यता महाअभियान 31 मार्च तक चलेगा। 2015 संगठन पर्व के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में हर व्यक्ति तक केंद्र सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने के लिए पार्टी द्वारा विशेष संपर्क अभियान चलाया जाएगा।

संस्कृत भाषा सीखने का सुनहरा अवसर देगी संस्कृत भारतीः श्रीश

देहरादून,12 फरवरी (निस)। संस्कृत भारती पिछले 38 वर्षों से संस्कृत भाषा के उन्नयन एवं प्रचार-प्रसार के लिए 40 देशों में कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में संस्कृत भाषा को आम जनता की भाषा बनाने के उद्देश्य से पत्राचार द्वारा संस्कृत सिखाई जा रही हैं उत्त्राखंड में यह अभियान 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलाया जा रहा है। इस बात की जानकारी देते हुए संस्कृत भारती के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्रीश देव पुजारी ने बताया कि जो लोग समय के अभाव के कारण हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के बाद विद्यालयों में संस्कृत नहीं पढ़ पाते हैं उन्हें इससे जोड़ा जायेगा। सरकार अथवा गैर सरकारी कर्मचारी, अधिवक्ता, इंजीनियर, व्यवसाई, पत्रकार एवं शिक्षक घर बैठे पत्रचार के माध्यम से संस्कृत सीख सकते हैं। पाठ्यक्रम संपूर्ण देश में 9 भाषाओं में उपलब्ध होगा। संस्कृत हिंदी, संस्कृत अंग्रेजी, संस्कृत गुजराती आदि। इसमें कुल चार पाठ्यक्रम हैं। प्रवेश परिचय, शिक्षा ओर कोविद। प्रत्येक पाठक्रम की अवधि छह माह की है। अंतिम माह में संस्था के द्वारा संस्कृत परीक्षा का आयोजन एवं प्रमाण पत्रों का वितरण किया जायेगा।

राष्ट्रीय सफाई आयोग के सदस्य पहुंचे दून, अधिकारियों एवं सफाई कर्मचारियों ने की बैठक 

देहरादून,12 फरवरी (निस)। राष्ट्रीय सफाई आयोग भारत सरकार नई दिल्ली के सदस्य विजय कुमार द्वारा आज कलैक्ट्रेट सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों एवं सफाई कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित की गयी तथा सफाई कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं उनकी समस्याओं को सुना। बैठक में उनके द्वारा जानकारी चाही गयी कि वर्तमान समय में नगर निगम में कार्यरत स्थाई तथा अस्थाई कर्मचारियों के सम्बन्ध में जानकारी चाही गयी तथा उन्हे दिये जाने  वाले वेतन के सम्बन्ध में भी जानकारी चाही गयी। मुख्य नगर अधिकारी नितिन भदौरिया ने अवगत कराया कि 646 कर्मचारी स्थाई है तथा 113 कर्मचारी सविदा पर कार्य कर रहे हैं, जिन्हे 3 हजार रू0 प्रतिमाह की दर से वेतन दिया  जा रहा है। जिस पर मा0 सदस्य द्वारा गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि स्थाई कर्मचारी भी एक ही कार्य कर रहे है। जिसमें भेदभाव नही होना चाहिए उन्हे भी स्थायी कर्मचारी के समान मानदेय दिया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि सफाई कर्मचारी हमारे आस-पास की गंदगी को उठाकर हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते है तथा हम सभी को भी उनके स्वास्थ्य एवं जीविका के प्रति भी ध्यान रखना आवश्यक है कि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे। उन्होने यह भी कहा कि सफाई कर्मचारियों को वर्दी, दस्ताने, मास्क आदि सामान उपलब्ध कराया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये है कि जो संविदा कर्मचारी है उन कर्मचारियों को स्थायी कर दिया जाय। मुख्य नगर अधिकारी ने मा आयोग के सदस्य को अवगत कराया है संविदा कर्मचारियों का मानदेय 4 हजार रू0 प्रतिमाह करने हेतु शासन को संस्तुति हेतु प्रेषित किया गया है तथा 1850 सफाई कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित किया जा चुका है, शासन से अनुमति मिलते ही इसमें नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होने जिला समाज कल्याण अधिकारी से जानकारी चाही गयी है कि सफाई कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के तहत उन्हे ऋण मौहया कराया जा रहा है, जिसमें 8 प्रतिशत् छूट उपलब्ध कराई जा रही है की नही। इसके लिए उन्होने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिये है कि वे मलिन बस्तियों में कैम्प लगाकर  पात्र व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से लाभन्वित करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये है कि मलिन बस्तियों में प्रत्येक तीन माह में स्वास्थ्य कैम्प लगाकर सफाई कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण कर मुफ्त दवाईयां उपलब्ध कराई जाएं। उनके द्वारा यह भी जानकारी चाही गयी है कि शिवर सफाई कार्य के दौरान अब तक कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा उनके आश्रितों को मा0 उच्च न्यायालय की गाइडलाईन  के अनुसार मुआवजे के तहत दी जाने वाली 10 लाख रू0 धनराशि के साथ नौकरी दी गयी है या नही इस सम्बन्ध में भी जानकारी चाही गयी। सदस्य राष्ट्रीय सफाई आयोग द्वारा यह भी निर्देश दिये है कि सफाई कर्मचारियों के बच्चों की देखभाल एवं पढाई के लिए मलिन बस्तियों में के्रश होम बनाये जाय जहां पर उनकी देखभाल के साथ-2 उनकी पढाई की भी उचित व्यवस्था की जाय। उन्होने पुलिस अधिकारियों से जानकारी चाही गयी है कि अब तक जनपद के सम्बन्धित थाने में एस.सी.एस.टी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों के सम्बन्ध में भी जानकारी चाही गयी। उन्होने जनपद के सभी  थानों में भी सफाई व्यवस्था सुचारू करने के भी निर्देश दिये तथा थानों में सफाई कर्मचारियों की कमी है तो वहां पर सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाय।

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