मुख्यमंत्री श्री चैहान ने धर्म बिटिया की धूमधाम से शादी रचाई
- विदिश में श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर में हुआ पाणिग्रहण
जानकी जयंती के शुभ अवसर पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और श्रीमती साधना सिंह की धर्म पुत्री सौभाग्यकांक्षिणी सोना का परिणय चिरंजीव त्रिलोकचंद्र के साथ विदिशा के श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर में पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, प्रसिद्व गृहस्थ संत दद्दाजी पं देवप्रभाकर शास्त्री एवं श्रेष्ठ संतजन की उपस्थिति में हुआ। बेटी के विवाह की खुशी और विदाई के पलो के साक्षी हजारो गणमान्य लोग बनें। महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी तथा दद्दाजी ने इस विवाह को मुख्यमंत्री श्री चैहान का परमार्थमूलक कार्य बताया। संतो ने नव-दंपति को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री श्री चैहान और श्रीमती साधना सिंह को भी साधुवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने विवाह उत्सव में संतजनों के आगमन को सौभाग्य का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनके आगमन से यह प्रसंग और भी श्रेष्ठ बन गया है। उन्होंने कहा कि बेटियां गंगा, गीता और गायत्री, सीता-सावित्री, दुर्गा और लक्ष्मी होती है। बेटियां सुखी है तो जगत सुखी रह सकता है। उन्होंने बताया कि इस धर्मपुत्री को आठ वर्ष की अवस्था में मां सुंदरदेवी सेवा आश्रम में लाया गया थ। अब यह बेटी बाईस वर्ष की हो गई है। इस बेटी सहित अन्य सभी बेटियों को मेरी राजनीतिक व्यस्तता के चलते मेरी धर्मपत्नी ने मां-बाप का लाड़ प्यार दिया। उन्होंने कहा कि मामा होने के नाते पूरे प्रदेश की बेटियां उनकी अपनी है पर उन सभी के माता-पिता है। आश्रम की बेटियों के माता-पिता नहीं होने से उनके माता-पिता-भाई हम लोग ही है। श्री चैहान ने कहा कि यह खुशी और आनंद के साथ-साथ बेटी के विदा की बेला से कष्ट का भी अवसर है। बेटी को विदा होते देख मन भारी है। उन्होंने देशवासियों का आव्हान किया कि वे बेटियांें को लाड़ प्यार से पाले और बेटा-बेटी में भेदभाव किए बगैर समान भाव से बढ़ने के अवसर दें।
बारात की आगवानी
श्रीमती साधना सिंह, श्री शिवराज सिंह चैहान ने ढोल ढमाकों के साथ दोपहर में श्री गणेश मंदिर पहुंची बारात की अगवानी की। उनके पुत्र श्री कार्तिकेय ने द्वारचार करते हुए वर श्री त्रिलोकचंद्र का टीका किया। धार्मिक विधि-विधान से सप्तसदी करते हुए विप्रजनों ने अग्नि के समक्ष सात फेरे लगवाए। इससे पहले श्री चैहान ने बारात आने से काफी पहले बारातियों तथा घरातियों की स्वागत की तैयारियों को स्वंय जगह-जगह जाकर पूरा करवाया। वे सबसे पहले सांची स्थित बौद्ध स्थान पर गए जहां बारात को ठहराया गया था। उन्होंने बारात के नाश्ते भोजन आदि सभी प्रबंध की जानकारी ली। इसके बाद वे श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर के दर्शन किए तथा मण्डप व्यवस्था को देखा। व्यवस्थाओं से संतुष्ट होने के बाद वे मां सुन्दर देवी सेवा आश्रम पहुंचे। यहां बेटी सोना सहित आश्रम की अन्य बेटियों के साथ श्रीमती साधना सिंह पहले से उपस्थित थी। चैहान दपंति बेटी सोना और उसकी सहेलियों को आश्रम से लेकर विवाह स्थल श्रीगणेश मंदिर पहुंचे। बारातियों और अन्य सभी आगंतुक मेहमानो के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाए गए। मुख्यमंत्री ने विवाह को यज्ञ की संज्ञा देते हुए सभी से भोजन प्रसाद ग्रहण करने का आत्मीय आग्रह किया। विवाह समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने भी व्यवस्थाएं संभाली थी। वर-वधु को मंत्री मण्डल के सदस्यों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री श्री चैहान और श्रीमती साधना सिंह ने पालक माता-पिता की भूमिका निभाते हुए सोना की शिक्षा दीक्षा का ही प्रबंध ही नही किया बल्कि उसके वैवाहिक जीवन के लिए भी हर संभव प्रयास किए। साधना सिंह ने सोना के विवाह की हर रस्म अपनी मौजूदगी में सम्पन्न कराई। मां सुन्दर देवी सेवा आश्रम में चैथे सदस्य के रूप में सन् 2000 में आई सोना मेहरा के लिए वर की तलाश का जिम्मा मुख्यमंत्री श्री चैहान ने श्रीमती साधना सिंह को ही सौंपा। श्रीमती साधना सिंह ने बुधनी में अपने परिचितों और सोना के रिश्तेदारों को वर की तलाश करने को कहा। बुधनी के बकतरा निवासी श्री रघुवीर मेहरा के पुत्र त्रिलोकचंद्र पर जाकर उनकी तलाश पूरी हुई। दूल्हा जेसीबी और पाॅकलेन आॅपरेटर है और एक कंस्ट्रक्शन कम्पनी में काम करता है। उसे करीब दस हजार रूपए महीन पगार मिलती है। सोना आंगनबाडी में कार्यकर्ता है। मां सुन्दर देवी आश्रम की स्थापना मुख्यमंत्री श्री चैहान ने वर्ष 2002 में विदिशा संसदीय क्षेत्र के सांसद रहते हुए की थी।
भावभीनी विदाई
पालक पिता श्री शिवराज सिंह चैहान ने बेटी सोना का कन्यादान करने के उपरांत अन्य रस्में अदा की। विदाई के समय माहौल गमगीन हो गया। विदा होती बेटी को पालक माता-पिता श्री शिवराज सिंह चैहान और श्रीमती साधना सिंह ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि वैवाहिक जीवन सुखी रहें।
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