जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रिहाई मामले पर हुई किरकिरी के बाद बीजेपी ने मुफ्ती सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के ओसार, बीजेपी ने कहा है कि अब और कैदियों की रिहाई न हो। कोई और रिहाई हुई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। एक और गलती हुई तो रिश्ता टूट भी सकता है।
वैसे मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, करीब 15 ऐसे कैदी हैं, जिनकी रिहाई पर मुफ्ती सरकार विचार कर रही है। इन्हीं खबरों से नाराज बीजेपी ने स्पष्ट किया है कि जो भी गलती हुई है, उसे न दोहराया जाए। बीजेपी पर संघ परिवार का भी भारी दबाव है, जिसके चलते बीजेपी ने यह चेतावनी दी है।
बीजेपी की ओर से यह भी साफ किया जा रहा है कि मसर्रत की रिहाई 4 फरवरी को ही तय हो गई थी, जब राष्ट्रपति शासन था और ऐसे व्यक्ति की रिहाई में तकनीकी रूप से कुछ भी गलत नहीं है, जिसे जमानत मिल चुकी है, लेकिन इस मामले को लेकर जिस तरह मुफ्ती सरकार ने डील किया, उससे बीजेपी खासी नाराज है।
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