आम आदमी पार्टी में उभरे अंतर्कलह के मुद्दे पर कल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अरविंद केजरीवाल के शामिल होने की संभावना नहीं है. जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वे बैठक से अनुपस्थित रह सकते हैं. सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल अपनी पुरानी खांसी के उपचार के लिए बेंगलुरु जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस के एट होम कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल की लगातार खांसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बेंगलुरु में योग चिकित्सक से मिलने की सलाह दी थी.
पार्टी में चल रहे आंतरिक गतिरोध के बीच चार मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इसमें आम आदमी पार्टी के दोनों खेमे के लोग शामिल होंगे. इस बैठक में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के पीएसी में शामिल रहने या ना रहने के मसले पर फैसला लिये जाने की संभावना है.
हाल की एक घटना के बाद से आम आदमी पार्टी में दो फाड़ होने की बात सामने आई है. इसमें एक ओर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव हैं, तो दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल और उनके समर्थक. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक चिट्ठी लिखकर पार्टी के 'व्यक्ति केंद्रित' होने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाए थे और इसकी आलोचना की थी. यह चिट्ठी मीडिया में लीक हो गई, जिसके साथ ही यह बवाल शुरू हुआ.
केजरीवाल खेमें के संजय सिंह, प्रो आनंद कुमार, आशुतोष जैसे नेता इशारों-इशारों में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर निशाना साध रहे हैं. आशुतोष ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, शांति भूषण जी को यह भी बताना चाहिए कि अरविंद की जगह योगेंद्र के पीछे क्या साजिश थी? क्या इससे पार्टी की छवि खराब नहीं होती? पार्टी नेता संजय सिंह ने इस पर कहा था कि यदि पार्टी में किसी तरह की असहमति है, तो इस पर आंतरिक रूप से चर्चा होनी चाहिए, न कि सार्वजनिक तौर पर.
केजरीवाल की अनुपस्थिति में भी इन लोगों पर गंभीर सवाल किये जाने की संभावना है. उन्हें पूछा जा सकता है कि पार्टी के अंदरुनी मामले की चिट्ठी आखिर मीडिया में कैसे लीक हो गयी.
हालांकि, इसके साथ ही पार्टी को बचाने की कोशिशें भी शुरू हो गई हैं. प्रशांत भूषण के पिता और अग्रणी वकील शांति भूषण ने आज कार्यकारिणी को एक चिट्ठी लिखकर अपने बेटे के साथ-साथ आप नेता योगेंद्र यादव से पार्टी में संघर्षविराम और केजरीवाल का समर्थन करने की अपील की है.
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