बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राम सुंदर दास का शुक्रवार को यहां पर 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। परिवार के सदस्यों के मुताबिक, दास ने शुक्रवार तड़के पटना मेडिकल कॉलेज में अंतिम सांस ली। दास का विशेष परिधान कॉटन की धोती, कुर्ता और गांधी टोपी उनकी पहचान थी। उनके दो बेटे और एक बेटी है। कुछ वर्ष पहले उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया था। दास के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में दास को जब उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया उसके पहले तक वह राजनीति में सक्रिय थे।
नीतीश कुमार ने कहा, ''दास का निधन पार्टी, बिहार और स्वयं मेरे लिए निजी तौर पर बड़ी क्षति है।'' दास स्वयं किसी जगह पर बिना किसी सहारे के आ-जा नहीं सकते थे। उन्होंने 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। जेडीयू के एक नेता ने कहा, ''पिछले साल वह लोकसभा में सबसे वृद्ध सदस्य थे और वह शायद लोकसभा के चुनाव में भी सबसे वृद्ध उम्मीदवार थे।'' वह जनता पार्टी की सरकार में 1979 में बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। दास एक दलित नेता थे। वह 70 साल की उम्र में 1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें