रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज बिहार में रेल इंजन के निर्माण से जुड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दो बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। मंजूरी के बाद बिहार में 2400 करोड़ रुपये लागत से डीजल और इलेक्ट्रिक इंजनों के कारखाने लगाने का रास्ता साफ हो गया है। इलेक्ट्रिक इंजन का कारखाना मधेपुरा और डीजल इंजन का कारखाना मरहोडा में लगाने का प्रस्ताव है। रेल मंत्रालय के मुताबिक दोनों कारखानों के लिये बोली भेजने वाली कंपनियों को छाँट लिया गया है साथ ही इन कंपनियों को इसकी जानकारी भी भेज दी गयी है।
मधेपुरा कारखाने के लिए 4 विदेशी कंपनियाँ अलस्टोम, सीमेंस, जीई और बॉम्बार्डियर को शॉर्टलिस्ट किया गया है वहीं मरहोडा कारखाने के लिए जीई और ईएमडी को शॉर्टलिस्ट किया गया है। निविदाएं 31 अगस्त को खोली जाएंगी। निविदा की शर्तों के मुताबिक मधेपुरा कारखाने से अगले 11 साल में 800 इलेक्ट्रिक इंजन बनाये जाएंगे जिसमें से 5 का आयात किया जायेगा। वहीं मरहोडा कारखाने से अगले 10 साल में 1000 इंजन बनाये जाएंगे। इन कारखानों में रेलवे की 26% हिस्सेदारी होगी वहीं विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी 74% होगी। रेलवे में विदेशी निवेश की सीमा 100% है। इन दोनों कारखानों का ऐलान 2008 में रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था।
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