16 दिसंबर के गैंगरेप पर बने डॉक्यूमेंट्री के ब्रिटिश फिल्म निर्माता ने कहा है कि भारत ने इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर ‘अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या’ की है. विवादास्पद फिल्म ‘इंडियाज डॉटर’ की डायरेक्टर लेसली उडवीन ने यह भी कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आभार जताने के उनके उद्देश्य को ‘देश पर उंगली उठाने’ के रूप में गलत तरीके से लिया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा पूरा उद्देश्य वास्तव में भारत की सराहना करने के लिए उसका एक ऐसे देश के रूप में आभार प्रकट करना था, जिसने इस रेप पर अनुकरणीय प्रतिक्रिया दी थी, जहां कोई व्यक्ति यह देख सके कि बदलाव शुरू हो गया है.’’ लेसली ने कहा कि सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि वे लोग अब मुझ पर यह आरोप लगा रहे हैं कि मैं भारत पर उंगली उठाना और भारत को अपमानित करना चाहती थी तथा यह वे लोग हैं जिन्होंने इस फिल्म को बैन कर अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या की है.
विवाद छेड़ने वाले इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले हफ्ते इसके प्रसारण को बैन कर दिया और वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट यूट्यूब को डॉक्यूमेंट्री के सारे लिंक हटाने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘बेटी बचाओ अभियान’ की तरह के विचार ही इस फिल्म में देखेंगे. लेसली ने कहा, ‘‘यदि वह (मोदी) इस डॉक्यूमेंट्री को एक घंटा देखें, तो वह सत्ता में आने के बाद से अपने ही बयानों को इस फिल्म में देखेंगे.’’
उन्होंने सप्ताहांत पर कहा, ‘‘फिल्म वही बात कह रही है जो वह अपने बेटी बचाओ अभियान में कह रहे हैं.’’ यह डॉक्यूमेंट्री बीबीसी के ‘आईप्लेयर टूल’ के जरिए ब्रिटेन में अभी भी ऑनलाइन उपलब्ध है. एक चलती बस में 23 साल की निर्भया से रेप, प्रताड़ना और हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे चार लोगों में शामिल मुकेश सिंह का डॉक्यूमेंट्री में इंटरव्यू है. पुलिस ने बताया कि बैन इसलिए लगाया है कि अपराध के दोषी द्वारा फिल्म में की गई टिप्पणियों से ‘भय और तनाव’ का एक माहौल बन गया तथा इससे जनाक्रोश को हवा मिलने का खतरा है.
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