केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा बजट में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए मुद्रा बैंक गठित करने की घोषणा आज़ादी के बाद 67 वर्षों में किसी भी सरकार द्वारा इस सेक्टर की महत्वत्ता को रेखांकित करती है जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली बधाई के पात्र है ! सरकार का यह कदम ऐतिहासिक है और नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के वित्तीय समावेश की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम है -कहा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने !ज्ञातव्य है की गत अनेक वर्षों से कैट व्यापारियों और नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक पृथक बैंकिंग व्यवस्था की मांग करता आ रहा है !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने केंद्र सरकार की इस पहल को नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा की यह न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि देश में रोज़गार के बड़े अवसरों को बढ़ावा भी देगा !
श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने बताया की वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार मुद्रा बैंक एक कानून के तहत गठित होगा और मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग एवं सर्विस सेक्टर में लगे सभी माइक्रो एवं स्माल इंटरप्राइजेज को फाइनेंस देने वाले माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स को रेगुलेट और री-फाइनेंस करेगा ! मुद्रा बैंक राज्य अथवा रीजनल स्तर के कोऑर्डिनेटर्स के साझेदारी करते हुए अंतिम छोर के छोटे और माइक्रो व्यवसायों को व्यापार हेतु वित्त उपलब्ध करायेगा !
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा जमीनी हकीकत पर आधारित यह एक नयी सोच है और पश्चिम के सिद्धांतों के फ्रेमवर्क के बाहर एक नयी वित्तीय व्यवस्था कायम करना है ! दुनिया के सबसे बड़े नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को संगठित करने में मुद्रा बैंक से बहुत मदद मिलेगी ! सही मायनों में यह "फंडिंग फॉर अंफन्डेड " है !
मुद्रा बैंक माइक्रो/स्माल व्यवसायों को फाइनेंस उपलब्ध कराने पर नीति और दिशानिर्देश बनाएगा, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन का पंजीकरण और उनकी देख रेख, एम ऍफ़ आई की रेटिंग और उनका एक्रेडिएशन, अंतिम व्यक्ति तक फाइनेंस कैसे पहुंचे उसकी योजना, उचित तकनिकी समाधान को बढ़ावा तथा क्रेडिट गारंटी स्कीम को बनाना एवं उसका किर्यान्वन आदि मुद्रा बैंक के प्रमुख कार्य होंगे !
श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने कहा की एन एस एस ओ के आंकड़ों के मुताबिक देश के नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर में 5 .77 करोड़ व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं जो देश की जी डी पी में 45 % का योगदान करते हैं और लगभग 46 करोड़ लोगों को रोज़गार देते हैं लेकिन इस सेक्टर के केवल 4 % प्रतिशत हिस्से को ही बैंकों से क़र्ज़ मिल पाया है जबकि बाकी 96 % लोग प्राइवेट मनिलेंडर, मित्रों या रिश्तेदारों पर निर्भर रहते हैं ! मुद्रा बैंक देश के व्यापारिक परिदृश्य को पूरे तौर बदलने की दिशा में पहला बड़ा कदम है !
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