बिहार : कैसे ईसाई लाश पर से निर्भरता समाप्त किया जा सके - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 3 मार्च 2015

बिहार : कैसे ईसाई लाश पर से निर्भरता समाप्त किया जा सके

  • अब मिशनरी संस्थाओं के फादरों एवं सिस्टरों को राजू गा्रबिएल साह के बारे में सोचना चाहिए

chritian news
पटना। ईसाई मिशनों में प्रतिनियुक्ति करने का प्रावधान नहीं है। हालांकि मिशनरी कामगारों को मानदेय देने के चलन को अख्तियार कर लिया है।कहने का मतलब है जो कल्याणकारी कार्य होते हैं उसे मिशनरी लपकते नहीं है। इसके कारण ईसाइयांे का विकास ठप हो जाता है। 

बेरोजगारी का दंश राजू ग्राबिएल साह झेल रहे थे। वह बालूपर दीघा में रहता है। इसकी परेशानी देखकर ही मिशनरी राजू को रोजगार देने का करतब निकाल लिए। पहले कुर्जी पल्ली में एक व्यक्ति को बहालकर वेतन दिया जाता था। जिसे बंद कर दिया गया। तब राजू को ही कुर्जी पल्ली कब्रिस्तान में कब्र खुदवाने के लिए रख लिया गया।जब कोई ईसाई कुर्जी पल्लीवासी मरते हैं तो उसकी सूचना पल्ली पुरोहित को देते हैं। तब पल्ली पुरोहित राजू को मोबाइल पर सूचना देते हैं। सूचना प्राप्त करके राजू कब्र खुदवाने की व्यवस्था कर देता है। फौरन वह समाज के किनारे ठहर जाने वाले मुसहरों को बुलाकर मिट्टी खोदवाकर कब्र निर्माण करवा देता है। कब्र खुदवाने के एवज में राजू मृतक के परिजनों से 2 हजार रू.लेता है। इसमें 1 हजार रू.कब्र खोदने वाले मजदूरों को दे देता है। 

बताते चले कि केवल राजू ग्राबिएल साह कब्र खुदवाने का कार्य करता है। ऐसा करने से कुर्जी पल्ली के द्वारा फुट्टी कौड़ी भी नहीं दिया जाता है। तब यह जग जाहिर है कि वह हमेशा किसी व्यक्ति की मौत की सूचना प्राप्त करने में लगा रहता है। इस संदर्भ में राजू कहते हैं कि 24 घंटे सजग रहते हैं। कोई अन्य कार्य कर नहीं पाता है। केवल कब्र खुदवाने का ही धंधा में लगा रहता है। उसके एवज में मृतक के परिजन ही राशि देते हैं। उनका आग्रह है कि कम से कम कुर्जी पल्ली में काम दिया जाता। इसके बदले में 10 हजार रू.दिया जाता। मैट्रिक उत्र्तीण है। दरवान में भी रखा जा सकता था। ऐसा करने से लाश पर निर्भरता नहीं रह पाते। 

अब मिशनरी संस्थाओं के वरीय से कनीय फादरों एवं सिस्टरों को सोचना चाहिए। कैसे राजू को लाश पर से निर्भरता से हटाकर वैकल्पिक रोजगार भी दे सके। राजू के बाल बच्चे हैं। इन बच्चों का भविष्य है। अभी तो वर्तमान और भविष्य खराब चल रहा है। राजू के पिताश्री ग्राबिएल साह संत जेवियर उच्च विघालय में बावर्ची का कार्य किया करते थे। इनके 3 पुत्र और 3 पुत्री है। 



आलोक कुमार
पटना 

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