पटना, 28 फरवरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार राज्य परिषद ने भाजपा-नीत मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी भूमि-अधिग्रहण अध्यादेष के विरोध में देष भर में विविध जनसंगठनों द्वारा चलाये जा रहे प्रतिरोध आंदोलनों का स्वागत करते हुए आगामी 10 मार्च को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में पार्टी की ओर से प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया। भाकपा ने अपनी तमाम ईकाइयों का आह्वन किया है कि वे पूरी ताकत के साथ उक्त प्रतिरोध दिवस को सफल और प्रभावी बनाने के लिए जिलास्तर पर कार्यक्रम आयोजित करें और किसान व कृषि विरोधी काले अध्यादेष के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन करें।
ज्ञातब्य है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सम्प्रति अपने सांगठनिक सम्मेलनों में गांव, कस्बा, प्रखंड, जिला, राज्य और देष के स्तर पर जुटी हुई है जिसकी परिणति 25-29 मार्च, 2015 को पुड्डुचेरी में आयोजित हो रहे 22वें महाधिवेषन में होगी। इसी बीच प्रतिरोध दिवस का आयोजन 10 मार्च को होना है। पार्टी महाधिवेषन के उपरांत पार्टी इस मुद्दे को लेकर देषव्यापी जुझारू संघर्ष का एलान करेगी।
भाकपा की बिहार राज्य परिषद ने बिहार के समस्त किसान भाइयों, खेत मजदूरों, प्रबुद्धजनों के साथ-साथ प्रगतिषील लोकतांत्रिक शक्तियों से अपील की है कि वे इस ज्वलंत मुद्दे पर पार्टी के साथ खडे़ हों और कृषि प्रधान देष के किसानों व कृषि को कंपनीकरण के आसन्न खतरों से बचायें। उक्त आषय की जानकारी पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह की और से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी। विज्ञप्ति में भाकपा राज्य सचिव ने यह भी बताया कि अबतक किसानों, कृषि और ग्राम-गौरव की रक्षा के लिए भाजपा-आरएसएस जो घडि़याली आँसू बहा रही थी उसकी कलई उक्त काले अध्यादेष ने खोल दी है और यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार अम्बानी-अडा़नी जैसे कारपोरेट घरानों की चाकरी में जुटी हुई है जो आने वाले खतरों की सूचक है।
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