दोषी ने कहा 'निर्भया' चुप रहती तो बच जाती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 3 मार्च 2015

दोषी ने कहा 'निर्भया' चुप रहती तो बच जाती

देश के बहुचर्चित निर्भया कांड के दोषी मुकेश सिंह के मुताबिक लड़कों से ज्यादा लड़कियां रेप के लिए जिम्मेदार होती हैं. लड़कियों को सिर्फ घर के काम करने चाहिए रात को 9 बजे घर से बाहर नहीं घूमना चाहिए. 16 दिसंबर 2012 के चर्चित रेप केस के आरोपी मुकेश ने ये बातें बीबीसी को एक इंटरव्यू के दौरान कहीं.

बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री के लिए इंटरव्यू देते हुए जेल में बंद मुकेश ने कहा कि दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है. उसे इस बर्बर कांड के लिए नाममात्र का पछतावा नहीं है. उसने इंटरव्यू में कहा कि अगर लड़की और उसके दोस्त ने इतना विरोध न किया होता, तो वे उन्हें इतनी बुरी तरह से न मारते. मुकेश ने कहा कि दुष्कर्म के वक्त उसे विरोध नहीं करना चाहिए था. उसे चुप रहना चाहिए था और दुष्कर्म होने देना चाहिए था. तब उसे छोड़ दिया जाता और केवल लड़के को मारा जाता.

मुकेश ने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती, दोनों हाथों की जरूरत होती है. एक अच्छी लड़की 9 बजे रात को बाहर नहीं घूमती. दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा जिम्मेदार लड़की होती है. लड़के और लड़कियां बराबर नहीं होते. मुकेश के मुताबिक लड़कियां का काम घर संभालना और घर के काम हैं, न कि गलत कपड़े पहनकर रात में डिस्को और बार में जाकर गलत काम करना. मुकेश ने इस इंटरव्यू में कहा कि करीब 20 फीसदी लड़कियां अच्छी होती हैं. मुकेश को मिली फांसी की सजा पर उसने कहा कि मौत की सजा लड़कियों के लिए चीजें और अधिक खतरनाक बना देंगी. उसके मुताबिक पहले रेप के बाद लड़की को डरा-धमकाकर छोड़ देते थे लेकिन मौत की सजा के बाद अब हर कोई रेप के बाद लड़की को मार डालेगा.

गौरतलब है कि लगभग दो साल पहले 16 दिसंबर 2012 राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चलती बस में एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था. इस कांड के मुख्य आरोपी राम सिंह ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. कोर्ट ने 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जबकि एक नाबालिग आरोपी होने के कारण उसे तीन साल की सजा सुनाई गई थी.




कोई टिप्पणी नहीं: