बीते दिनों सरकारी मंत्रालयों में हुई सेंधमारी और जासूसी की जाँच के बाद हाल ही में पिछले साल रक्षा मंत्रालय में भी जासूसी होने की खबरे सामने आई है. खबर के अनुसार पिछले साल तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एटंनी की जासूसी हुई थी. बता दे कि पिछले साल तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एटंनी और तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह के बीच एक अहम मीटिंग हुई थी. ख़बर है कि उस मीटिंग के दौरान हुई बातचीत एक भेदिए के कारण लीक हो गई थी और वो जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हाथ भी लग गई थी.
यह खबर सामने आने के बाद मंत्रालय में हड़कम्प मच गया है. क्यों कि तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी का ऑफिस देश के सबसे सुरक्षित दफ्तरों में से एक था और वहां हुई मीटिंग में सेना के ऑपरेशन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दो पर बात हुई थी. इसमें सेना के जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन से जुड़ी जानकारियां भी थीं. ऐसे में ये जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हाथ लगाना भारत को नुकसान पहुंचा सकता है.
गौरतलब है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रक्षा मंत्री के दफ्तर में जासूसी का यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले फरवरी 2012 में भी रक्षा मंत्री के दफ्तर में जासूसी का मामला सामने आया था, जिसकी जांच के आदेश दिए गए थे.
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