जिस तरह अरविंद केजरीवाल 'आप' लिखी गांधी टोपी पहनकर संघर्ष करते हुए दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए ठीक उसी तरह का नजारा पटना के गांधी मैदान में देखने को मिला. मौका था जीतन राम मांझी के एक दिन की भूख हड़ताल का. मांझी अपने समर्थकों के साथ हम लिखी गांधी टोपी पहनकर, नीतीश सरकार द्वरा उनकी केबिनेट में लिए फैसलों को निरस्त करने के विरोध में एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.
मांझी ने हाल में ही जनता दल युनाइटेड से बगावत कर नई पार्टी बनाई है जिसका नाम है हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा. गौरतलब है कि मांझी ने अपने छोटे से कार्यकाल में गरीबों, कर्मचारियों, पुलिस, शिक्षकों और नौजवानों के लिए करीब 34 निर्णय लिए थे, जिन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने होली के एक दिन पहले निरस्त कर दिया.
इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मांझी ने कहा कि नीतीश अंहकारी हो गए हैं और उनके इन फैसलों से जल्द ही उनका बुरा वक्त आने वाला है. गांधी मैदान पर मांझी के इस धरने में उनके पिछली सरकार के कुछ मंत्री और विधायक हैं जो मांझी को उनके इस धरने में समर्थन दे रहे है.
गौरतलब है कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मांझी मंत्रिपरिषद द्वारा बीते 10, 18 और 19 फरवरी को लिए गए 34 फैसलों को रद्द कर दिया गया था. नीतीश ने कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को लेकर जनता से माफी मांगी थी. तब राजनीतिक पंडितों ने कहा था कि नीतीश ने अरविंद केजरीवाल की तरह ही जनता से माफी मांगी थी.
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