गया। बंधुआ और बाल मजदूर के बारे में अनुभव रखते हैं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी। अपने बंधुआ पिताजी के साथ मालिक के पास बाल मजदूर बनने से बच गए। पूर्व मुख्यमंत्री बाल मजदूर के दलदल में फंसने से बच गए। मुख्य मंत्रीत्वकाल 9 माह के दौरान बंधुआ और बाल मजदूर के बंधन में फंसे अपने सजातीय लोगों को मुक्त कराने के संदर्भ में कोई कारगर कदम नहीं उठा सके। आज भी बड़ी संख्या में मुसहर समुदाय के लोग बंधुआ और बाल मजदूर बनने को बाध्य हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के पिताश्री है बंधुआ मजदूरः गरीबी के दंश झेलने वाले रामजीत मांझी बंधुआ मजदूर बनने को बाध्य हो गए। एक मालिक के पास बंधुआ मजदूर थे। मुख्यमंत्री का घर महकार गांव में हैं। उनके पिताश्री रामजीत मांझी गांवघर में भगतई का कार्य करते थे।वहीं वैवाहिक मौसम में विवाह के अवसर पर नाचते भी थे। रामजीत मांझी की पत्नी महुंआ दारू बनाती थीं। छोटे से बड़े कार्य करके मिट्टी का घर बना लिए। सभी लोग खुशी खुशी रहने लगे। मगर यह खुशी मालिक को नहीं भाया। रामजीत मांझी के पुत्र को बाल मजदूर बनाना चाहते थे।
रामजीत मांझी ने रखा मालिक के समक्ष प्रस्तावः जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सात साल के थे। तब रामजीत मांझी के मालिक जीतन राम को बाल मजदूर बनाने में उतावले हो गए। मालिक का कहना था कि जीतन राम पशुओं को खाना खिलाने लायक हो गया है। वह मजे से 17 बैल,2 भैंस और 3 गाय को खाना-पानी दे सकता है। वह आकर पशुओं को खाना खिलाने का कार्य करेगा। इस संदर्भ में अपने पुत्र जीतन राम मांझी के बारे में मालिक से रामजीत मांझी कहा कि वह पढ़ाई करना चाहता हैं। तब मालिक ने कहा कि घर के बच्चों को पढ़ाने मास्टर साहब आते हैं। जीतना भी बच्चों के साथ बैठकर पढ़ाई कर सकता है। सब काम करने के बाद सुबह-शाम पढ़ाई करें तो इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
- वह बाल मजदूर बनने को राजी नहीं हैं।
- अगर काम नहीं करेंगा तो गांवघर से निकाल बाहर कर देंगे।
- घर से बाहर निकाल दो।
- मालिक चाहते थे कि रामजीत मांझी अपने पुत्र जीतन राम मांझी को भी साथ लाए
कैसे बंधुआ मजदूर बनने से बच गएः पूर्व मुख्यमंत्री के पिताजी एक मालिक के घर में बंधुआ मजदूर थे। मालिक जीतनवा पढ़ना चाहता है! थी। बाबू जी से मालिक कहे कि आपका बेटवा सयाना हो गया है। वह पशुओं को खाना खिला सकता हैं उसको भी साथ लेकर काम किया करो। ए थे। चला रहे थे। ा था।यह कार्य किया कार्य भी किया करते थे।हां, के भगत भी थे। भगतई के बल पर लोगों के जीवन में खुशहाली लाते थे। रामजीत मांझी नाचते भी थे। उनकी पत्नी घर में महुंआ दारू भी चुलाती थी। इस बीच रामजीत मांझी का बेटा जीतन राम मांझी 7 साल का हो गया। दलदल में जाने से बचा जा सकता है। किस तरह से बंधुआ मजदूरी से मुक्ति ों
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पिताश्री रामजीत मांझी। रामजीत मांझी। ते रह गएखुद जीतन राम मांझी
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