मसरत आलम की रिहाई का विवाद बढता जा रहा है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद और बीजेपी विधायकों की मुलाकात खत्म हो गई है. बीजेपी विधायकों ने मुफ्ती को ज्ञापन सौंपा है और उनके कामकाज की निंदा की है.
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आप सीएमपी यानी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से हटकर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगे किसी भी रिहाई से पहले एक कमेटी बनेगी जिसमें पीडीपी और बीजेपी के चार चार सदस्य होंगे. इस कमेटी की सिफारिशों के बाद ही कोई रिहाई होगी. इससे पहले मसरत आलम की रिहाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि इस तरह की गतिविधि भारत सरकार को जानकारी दिए बिना हो रही हैं और देश की एकता अखंडता के लिए जो भी जरूरी होगा उनकी सरकार करेगी.
मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली राज्य की पीडीपी. भाजपा गठबंधन सरकार के मसरत की रिहाई के फैसले पर लोकसभा में आज विपक्ष द्वारा प्रकट किए गए भारी आक्रोश पर प्रधानमंत्री ने सदन में कहा, ‘‘ सरकार बनने के बाद वहां जो कुछ भी गतिविधियां हो रही हैं , वे न तो भारत सरकार से मशविरा करके हो रही हैं और न भारत सरकार को जानकारी देकर हो रही हैं.’’ मोदी ने कहा, ‘‘ सदन में और देश में जो आक्रोश है , उस आक्रोश में मैं भी अपना स्वर मिलाता हूं. यह देश अलगाववाद के मुद्दे पर दलबंदी के आधार पर न पहले कभी सोचता था, न अब सोचता है और न आगे कभी सोचेगा.’’
प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे पर कहा, ‘‘समय आने पर अवश्य राजनीतिक टिप्पणियां करें. बीजेपी वहां सरकार में हिस्सेदार है. आप उसकी भरपूर आलोचना करें. होनी भी चाहिए लेकिन ऐसा करते समय देश की एकता के संबंध में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हमारे भिन्न स्वर हैं. ऐसा संदेश न देश में , न दुनिया में और न कश्मीर में जाना चाहिए.’’ इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा हंगामा किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह पूछा जा रहा है कि मोदी जी चुप क्यों हैं. ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमें इस मुद्दे पर चुप रहना पड़े. हम वो लोग हैं जिन्होंने इन आदशरे के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिया है.. इसलिए कृपया करके हमें देशभक्ति न सिखाएं.’’
मसरत की रिहाई के मसले पर राष्ट्रीय हितों से समझौता करने के विपक्ष के आरोपों के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ सरकार ऐसी किसी भी हरकत को स्वीकार नहीं करती है. देश की एकता अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. संविधान की मर्यादा में कदम उठाए जाते रहे हैं और आगे भी उठाए जाते रहेंगे.’’ इस मसले पर जम्मू कश्मीर सरकार से स्पष्टीकरण मांगे जाने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ कुछ बातों का स्पष्टीकरण मांगा है. गृह मंत्री ने भी इसकी जानकारी दी है. स्पष्टीकरण आने के बाद जरूरी हुआ तो उनके बारे में भी सदन को जानकारी दी जाएगी.’’
विपक्षी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच मोदी ने कहा, ‘‘ यह आक्रोश किसी दल का नहीं देश का है. यह आक्रोश इस बैंच या उस बैंच का नहीं बल्कि पूरे सदन का है. ’’ उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि अलगाववादी ताकतों , उनका समर्थन करने वालों और कानून का दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ और देश की एकता अखंडता के लिए जो भी आवश्यक कदम होंगे, सरकार उठाएगी. इससे पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में राज्य सरकार के गृह विभाग से मिली रिपोर्ट को सदन के साथ साझा करते हुए कहा कि सरकार जन सुरक्षा पर किसी सूरत में समझौता नहीं करेगी.
सिंह ने कहा , ‘‘केंद्र सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरतापूर्वक लिया है. राज्य सरकार से पूरा स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण मिलने के बाद यदि जरूरत हुई तो कठोर से कठोर परामर्श जारी किया जाएगा.’’ इससे पहले आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने इस मुद्दे पर भारी हंगामा किया और प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की. हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही करीब 15 मिनट के लिए स्थगित भी हुई.
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