प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तीन द्वीपीय देशों के पांच दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। इन तीन देशों में सेशेल्स, मॉरीशस और श्रीलंका शामिल हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले विदेश सचिव एस. जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि इन तीनों देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं और इन देशों की जनता और भारतीय जनता के बीच भी मजबूत संबंध हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों द्विपीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत के वाणिज्यिक सहयोग में वृद्धि हुई है और इससे सहयोग की नई संभावनाएं सामने आई हैं। जयशंकर के मुताबिक, ''हम संबंधों को लेकर बहुत आशावान हैं।''
मोदी की इस पांच दिवसीय यात्रा का पहला पड़ाव सेशेल्स है, जहां मोदी सेशेल्स के साथ सामुद्रिक संबंधों को मजबूत करने और द्विपक्षीय विकास सहयोग को बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति जेम्स एलेक्सिस माइकल के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इंदिरा गांधी के बाद मोदी सेशेल्स की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। इससे पहले इंदिरा गांधी ने 1981 में सेशेल्स की यात्रा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी 11-12 मार्च को मॉरीशस की यात्रा पर रहेंगे, जहां वह मॉरीशस के साथ भारत के विशेष और अद्भुत संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्नाथ के साथ गहन बैठकें करेंगे। इस दौरान मोदी मॉरीशस की संसद को भी संबोधित करेंगे।
मोदी अपनी यात्रा के आखिरी चरण में 13-14 मार्च को श्रीलंका में होंगे और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बैठकें करेंगे। मोदी श्रीलंकाई संसद के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे और भारतीय शांति स्थापना बल (आईपीकेएफ) स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इस दौरान वह महाबोधि सोसाइटी भी जाएंगे।
जयशंकर के मुताबिक, श्रीलंका में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए भारतीय सहायता से निर्मित कुछ मकानों को प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान सुपूर्द करेंगे। उन्होंने कहा, ''हम श्रीलंका के पुनर्निर्माण में एक महत्वपूर्ण साझेदार रहे हैं।''
जयशंकर के मुताबिक, मोदी का श्रीलंका का यह दौरा पिछले दो दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला द्विपक्षीय दौरा होगा। यह पूछने पर कि क्या मोदी श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से मिलेंगे। जयशंकर ने कहा, ''अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।'' मोदी ने रविवार को ट्विट के जरिए कहा था कि वह हिंद महासागर के मित्र देशों सेशेल्स, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ भारत के संबंधों को आगे बढ़ाने के प्रति आश्वस्त हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें