अलगाववादी मसरत आलम को रिहा करने पर उठा सियासी तूफान अभी शांत भी नहीं हुआ है कि मुफ्ती सरकार एक और अलगाववादी को रिहा करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में मुफ्ती सरकार तीन और राजनीतिक कैदियों को रिहा कर सकता है। इनमें से एक कैदी उम्रकैद की सजा काट रहा है। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी-पीडीपी का सियासी घमासान चरम पर पहुंचने के आसार हैं।
सूत्रों की मानें तो मुफ्ती अब पिछले 22 साल से श्रीनगर जेल में बंद आशिक हुसैन फकतू को रिहा करवाने की कोशिश कर रहे हैं। फकतू घाटी में सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाला कैदी है। फकतू इस्लामी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिदीन का पूर्व कमांडर है। उसे मानवाधिकार कार्यकर्ता हृदय नाथ वांचू की हत्या में शामिल होने के लिए उम्र कैद की सजा दी गई है।
अगर ऐसा होता है तो आने वाले वक्त में बीजेपी और पीडीपी के बीच रिश्ते और खराब होने तय हैं। पहले ही मसरत की रिहाई पर दिल्ली में सियासी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी पर चौतरफा वार हो रहे हैं और पार्टी बैकफुट पर है। और अगर ऐसे में फकतू को भी रिहा कर दिया जाता है तो बीजेपी किस तरह इसका सामना करेगी, ये देखना बेहद दिलचस्प होगा।
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