प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अपनी ऐतिहासिक यात्रा पर श्रीलंका की राजधानी पहुंच गए। इस दौरान उनकी श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता होने की उम्मीद है। मोदी दो दिन की यात्रा पर आज सुबह पांच बजकर 25 मिनट पर कोलंबो पहुंचे, जहां हवाईअड्डे पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उनकी अगवानी की। प्रधानमंत्री एयर इंडिया के एक विशेष विमान के जरिए मॉरीशस के पोर्ट लुई से यहां पहुंचे।
श्रीलंका हिन्द महासागर द्वीप देशों के तीन देशों की उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव है। इस यात्रा के तहत वह सेशेल्स और मॉरीशस भी गए। मोदी पिछले 28 वर्षों में श्रीलंका की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वह आज श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से शिखर सम्मलेन वार्ता करेंगे, जो जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद पिछले महीने अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत गए थे। प्रधानमंत्री अपने श्रीलंकाई समकक्ष रानिल विक्रमसिंघे से भी वार्ता करेंगे।
प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं को और मजबूत करने के अवसर के रूप में माना जा रहा है। उनकी कोलंबो यात्रा 1987 में राजीव गांधी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई पहली यात्रा भी है। मोदी ने प्रस्थान से पूर्व अपने बयान में कहा था, मैं इस यात्रा को हमारे संबंधों को इसके सभी आयामों- राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक, सांस्कतिक, तथा सबसे बढ़कर, लोगों से लोगों के बीच संपर्क- में और भी मजबूत करने के अवसर के रूप में देखता हूं।
प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान श्रीलंका की संसद को भी संबोधित करेंगे। वह पूर्व में युद्धग्रस्त रहे जाफना प्रांत जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बाद दूसरे विदेशी नेता होंगे। मोदी वहां भारत की मदद से बने घरों को सौंपेंगे। जाफना में इस तरह के करीब 20 हजार घर बनाए गए हैं जिन्हें भारत श्रीलंका में एक महत्वाकांक्षी सहयोग परियोजना करार देता है। उनके तमिल नेशनल एलायंस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने की भी उम्मीद है। मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर भी हैं।
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