विधायक की हैसियत से आवाम से मिलने का अभ्यास तक करने लगे नेता जी
नरकटियागंज(पच) कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम, जब जब आएगा चुनाव का वक्त तेरा पीछा करेंगे जब तक न हो जाओ तंग। इसलिए अपने छुटभैयों के साथ जनता से दूर रहने वाले कतिपय नेता इन दिनों फील्डिंग करने का मूड बना चुके है। चुनाव लड़ने को आतुर कभी बेतिया, कभी वाल्मीकिनगर और कभी मोतिहारी से अपने को उम्मीद्वार बनने की चर्चा कराते रहे नेताजी इनदिनों नरकटियागंज का रूख किये हुए है। वे इन दिनों नरकटियागंज में अपनी उम्मीद्वारी को लेकर आश्वस्त है। वे वैसे लोगों को साथ लेकर चल रहे है, जिनकी समाज में अपनी राजनैतिक छाप नहीं है। इन दिनों कई लोग स्वयं को जनता का हितैषी बताकर नववर्ष, मकर संक्रान्ति, बसंत पंचमी और होली की शुभकामनाओं के फ्लेक्स बोर्ड साथ चैक चैराहो पर नजर आ रहे हैं। जिन्हे कतिपय स्वार्थी तत्व तो पहचान लेते है, लेकिन आवाम से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं हैं। आप नामक राजनीतिक संगठन में भी काफी दिनों से झाड़ू ढोने वालों ने पुराने झाड़ू को भूलकर नई झाड़ू को हाथ में थाम लिया है। चुनाव नजदीक है इसलिए अधिकांश नेता स्वयं को आगामी विधायक की हैसियत से आवाम से मिलने का अभ्यास तक करने लगे हैं। अब करीब करीब सभी नेता ठेका पद्धति के प्यारे होते दिखने लगे है। पलट इसके जनता मतदान ठेका पद्धति के विरूद्ध करती दिख रहीे हैं। अगर बात गलत लगे तो दिल्ली विधान सभा चुनाव का उदाहरण लिया जा सकता है। लौट के बुद्धू घर को आए वाली कहावत को चरितार्थ करते नज़र आए एक वरीय नेता, जिन्होंने नरकटियागंज में एक बैठक की। जनता ऐसे नेताओ से अब दूर ही रहना चाहती है जो समाज के छुटभैये को लेकर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने का प्रयास कर रहे है।
रूढ़ीवाद प्रगति में बाधक, शिक्षा के प्रति मुस्लिम समाज बदले नजरिया: खाँ
नरकटियागंज(पचं.) कंजरवेटिव (रूढ़ीवादी) विचारधारा से अलग हटकर समाज में अपनी अलग पहचान बनाए मुस्लिम समाज। महिला शिक्षा पर जोर देते हुए श्री खाँ ने कहा कि हमारा समाज पहले महिलाओं व लड़कियों को शिक्षा के लिए घर से बाहर निकाले। उन्होंने पर्दा प्रथा पर करारा चोट किया और कहा कि इससे हमारा समाज पीछे जा रहा है। प्रखण्ड के बरवा बरौली में मौलाना आजाद पब्लिक स्कूल के नये भवन में स्थानांतरीत करने के कार्यक्रम के मौका पर उपर्युक्त विचार व्यक्त करते हुए प्रधान शिक्षक सोहैब खाँ ने समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया। कार्यक्रम की शुरूआत पाक कुरआन की तिलावत से प्रारंभ हुआ जिसे हाफीज रहीमुद्दीन ने पेश किया। रिजवान अहमद नामक चैथी कक्षा में पढने वाले बच्चे ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि अब्दुल हई ने कहा कि समाज को दिशा देने के लिए रवीन्द्र नाथ टैगोर ने एकला चलो का गीत लिखा और अलग चले तो उनकी पहचान बनी ठिक उसी प्रकार डाॅ हाजी एम एकराम ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर शिक्षण संस्थान खोलकर एक मिसाल कायम किया हैं। आयोजित समारोह में नुरूज्जमा हसन, डाॅ.प्रो.सफल कुमार मिश्र समेत अन्य ने संबोधित किया। समारोह में हाजी डाॅ. एम एकराम, डाॅ. जहूर एकराम, मुखिया एहसान अली अंसारी समेत अन्य शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन मसहूर शायर कमरूज्ज्मा क़मर ने किया।
सिविल सर्जन ने की राजनीति भुगतेगी जनता, ठाकुर बनेंगे प्रभारी
- मुआवजा मिलेगा 120000 रूपये स्पीडी ट्रायल के द्वारा होगी सजा: एसपी
नरकटियागंज(पचं.) नरकटियागंज सरकारी अस्पताल में स्थित मनीष की जेनेरिक दवा की दूकान का कर्मचारी जावेद अख्तर की मौत के बाद उत्पन्न स्थिति कों नियंत्रण में करने बाद नरकटियागंज में डीएम और एसपी के पत्रकार सम्मेलन में यह घोषणा की गयी कि मृतक के परिजनांे को 120000 रूपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। शहर में बिचौलियों की बढ़ती हेंकड़ी पर कोई कदम उठाने की बात किसी पदाधिकारी ने नहीं की। एसपी ने कहा कि स्पीडी ट्रायल द्वारा सजा दिलाई जाएगी। सरकारी नौकरी की मांग मृतक के पिता नसीम अख्तर ने की, तो डीएम लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि नौकरी देना सरकार का फैसला हो सकता है। प्रशासन इसके अलावे जो बन पड़ेगा वह सुविधा मंुहैया करा सकती है। उसके बाद सिविल सर्जन डाॅ.गोपाल कृष्ण ने सरकारी अस्पताल का दौरा किया और हालात को देख डाॅ चन्द्रभूषण को तत्काल चनपटिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कर दिया। नरकटियागंज के बुद्धिजीवियांे व विभिन्न राजनीतिक दलों के छोटे नेताओं ने कहा कि नरकटियागंज में एक गलती करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ.चन्द्रभूषण का स्थानान्तरण कर दिया गया। जबकि परिवार नियोजन में पहले से दोषी डाॅ. डी एन ठाकुर और सिकटा में लेखापाल की हत्या में उनकी भूमिका के उपरान्त उन्हे नरकटियागंज में स्थानांतरित किया गया। अब उनकी नरकटियागंज में उनकी प्रभारी के रूप में ताजपोशी कर जो संदेश सिविल सर्जन ने किया है उसका शहर के लोगों को शीघ्र अंदाजा लग जाएगा। डाॅ.चन्द्रभूषण के आने पहले और उसके जाने के बाद हालात से आवाम शीघ्र जान जाएगी कि अस्पताल के प्रशासन और सिविल सर्जन मामले को सुलझाना चाहते है या आवाम को परेशान करना चाहते है।
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