जिले में आज 29.8 मि.मी. वर्षा दर्ज, लगातार वर्षा से फसले हो रही प्रभावित
पन्ना 02 मार्च 15/जिले में 2 मार्च को 29.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। इस दिन पन्ना में 42 मि.मी., गुनौर में 42 मि.मी., पवई में 27 मि.मी., शाहनगर में 5 मि.मी. तथा अजयगढ में 33.2 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है। जिले में एक जून 2014 से 2 मार्च 2015 तक कुल 793.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। तहसील पन्ना में 1018.9 मि.मी., गुनौर में 634.3 मि.मी., पवई में 817 मि.मी., शाहनगर में 749.8 मि.मी. तथा अजयगढ में 749 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है। जिले में गत दो दिनों से वर्षा का क्रम जारी रहा। आज सुबह वर्षा पर विराम लगा। धूप खिलने से तापमान में वृद्धि हुई। इस वर्षा का व्यापक असर फसलों पर होगा। इस संबंध में कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डाॅ0 बी.एस. किरार ने बताया कि यह वर्षा देर से बोई गई गेंहू की फसल के लिए लाभदायक है। इससे गेंहू की खडी फसल को भी कोई हानि नही होगी। लेकिन दलहनी तथा तिलहनी फसलों पर वर्षा का विपरित असर पडेगा। वर्षा से सर्वाधिक हानि मसूर की फसल को हुई है। इससे तैयार खडी मसूर की फसल के दाने काले होने की आशंका है। अरहर की फसल पर भी इसका बुरा असर पडेगा। अभी तक जिलेभर में चने की फसल अच्छी थी लेकिन लगातार दो दिन तक बादल छाए रहने एवं लगातार वर्षा से चने की फसल के फूल झडेंगे। इससे उत्पादन पर विपरीत असर पडेगा। चने में नमी बढने के कारण इल्ली का भी प्रकोप हो सकता है। किसान भाई फसलों में कीट व्याधि के नियंत्रण के उचित प्रबंध करें। कीटों का प्रकोप होने पर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार कीट नाशक का छिडकाव कराएं।
नगरपालिका अध्यक्ष ने पल्स पोलियो अभियान का किया शुभारंभ
पन्ना 02 मार्च 15/जिलेभर में एक मार्च से सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पल्स पोलियो अभियान आरंभ हुआ। जिलेभर में बनाए गए पोलियो बूथों में लगभग एक लाख 80 हजार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। अभियान का नगरपालिका पन्ना अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा ने जिला चिकित्सालय में नवजात शिशुओं को पोलियो की दवा पिलाकर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पोलियो गंभीर बीमारी है। यदि 5 साल तक का कोई भी बच्चा पोलियो की दवा पीने से वंचित रह गया तो आने वाली पीढी पर पोलियो का खतरा बना रहेगा। प्रदेश के साथ-साथ पन्ना जिले में भी पिछले तीन वर्षो में पोलियो के एक भी रोगी नही मिले हैं। शीघ्र ही पन्ना जिला पोलियो मुक्त घोषित हो जाएगा। इसके लिए पल्स पोलियो अभियान का सफल होना आवश्यक है। अभियान का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। अभियान के संबंध में सिविल सर्जन डाॅ0 राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान एक मार्च से तीन मार्च तक जारी रहेगा। इस अवधि में जिले के 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। उन्होंने आमजनता से पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने मंे सहयोग की अपील की है। इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. प्रदीप गुप्ता, डाॅ. व्ही.एस. उपाध्याय तथा अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री आवंटित
पन्ना 02 मार्च 15/जिले की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत माह मार्च के लिए आवंटन जारी कर दिया गया है। इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 27017.49 क्विंटल गेंहू, 8263.60 क्विंटल चावल, 3622.42 क्विंटल शक्कर, 1770.58 क्विंटल नमक तथा 8301.17 क्विंटल मक्के का आवंटन जिले को प्राप्त हुआ था। कलेक्टर द्वारा प्राप्त आवंटन को जिले में संचालित समस्त उचित मूल्य दुकानों के लिए पुनरावंटन कर दिया गया है। जिले में कार्यरत लीड प्रबंधक गुनौर एवं प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देश दिए गए है कि आवंटन के अनुसार सामग्री का उठाव कर उचित मूल्य दुकानों में भण्डारित कराएं। समिति प्रबंधकों को निर्देश दिए गए है कि उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को शीघ्र सामग्री का वितरण कराया जाए। यह भी निर्देश दिए गए है कि अन्त्योदय अन्नपूर्णा के पात्र परिवार को 25 किलो ग्राम गेंहू, 5 किलो ग्राम चावल, 5 किलो ग्राम मक्का तथा 5 लीटर केरोसिन वितरित किया जाए। इसी प्रकार प्राथमिकता वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य के मान से 3 किलो ग्राम गेंहू, एक किलो ग्राम चावल, एक किलो ग्राम मक्का तथा 4 लीटर मिट्टी का तेल दिया जाए। प्रत्येक परिवार को मार्च माह में 2 किलो शक्कर एवं एक किलो ग्राम नमक का वितरण किया जाए।
गुनौर में दिया गया किसानों को प्रशिक्षण
पन्ना 02 मार्च 15/कृषि विज्ञान केन्द्र, पन्ना में गत दिवस वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय गुनौर में 43 कृषकों प्रशिक्षण दिया गया। इसमें ग्राम कटकहा, तुन्ना, महेबा, विलखाडी, नचने, नचनोरा के किसान शामिल रहे। इन्हें रबी फसलों में पौध संरक्षण का प्रषिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी आर.के.मिश्रा, वी.के. खरे, वी.एल. दुबे, दीनदयाल यादव, के.के. पाण्डे तथा डाॅ. बी.एस. किरार द्वारा दिया गया। किसानों को सरसों मे माहू एवं चना मे फली भेदक कीट के लक्षण एवं प्रबंधन के बारे मे विस्तार से बताया गया। देरी से बोई गई सरसों फसल मे माहू फसल की कोमल शाखाओं, फूल एवं कालियों से रस चूसकर हानि पहुँचाती है इसके नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.08 एस.एल. आधा मि.ली. या डाईमिथोएट 30 ई.सी. 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर 200 ली. का घोल बनाकर प्रति एकड छिड़काव करें। चना मे फली भेदक कीट नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफाॅस 50 ई.सी. 2 मि.ली. या नुवालुराॅन 10 प्रतिषत ई.सी. 1 से 1.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करें। डाॅ. आर.के. के जायसवाल ने चना, मसूर एवं मटर में लगने वाली प्रमुख बीमारियों- उकठा, सूखा जड़ सड़न, कालर राॅट एवं भभूतियाँ रोगों की पहचान, उनका सक्रिय समय एवं उनके प्रबंधन के अंतर्गत ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई, प्रतिरोधक किस्मों का चयन, फफूँदनाषक दवा कार्बोकसीन $थायरम 2 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से बीजोपचार, अच्छा सडा एवं पका गोबर खाद का प्रयोग, ट्रायकोडर्मा विरडी से भूमि उपचार और फसलों को अदल-बदल कर बुवाई करना। डाॅ. जायसवाल ने कृषकों की अन्य कीट व्याधियों की समस्या पर भी विस्तार से जानकारी दी गयी। कृषक ओम प्रकाष महेबा ने कम जल से अधिक क्षेत्र मे फसल एवं सब्जियों लेने हेतु सिंचाई पद्धति पर जानकारी चाही डाॅ. जायसवाल ने ड्रिप विधि या स्ंिप्रकलर विधि से सिंचाई करने की सलाह दी।
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