पीडीपी संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर में चुनावों पर दिए गए अपने बयान पर कायम है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी पीडीपी के बयान से पल्ला झाड़ साफ कर चुकी है कि इन बयानों से उनकी सरकार और पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती है।
पीडीपी नेता सरताज मदानी ने कहा, 'हम नहीं जानते कि भाजपा का रुख क्या है। लेकिन अफजल गुरु को जिस दिन फांसी पर लटकाया गया था, उसी दिन से पीडीपी अपने बयान पर कायम है।' पीडीपी का कहना है कि अफजल गुरु को फांसी दिए जाने का फैसला गलत था और अब उसके शव के अवशेष परिवार को दिए जाने चाहिए।
जब सरताज से मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के चुनावों पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, 'जिनका नाम(पाकिस्तान और हुर्रियत) मुफ्ती साहब ने लिया, अगर वो चाहते तो जम्मू-कश्मीर चुनावों में 1-2 प्रतिशत मतदान होता।' मुफ्ती ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव हुए इसके पीछे पाकिस्तान और हुर्रियत की अहम भूमिका रही।
हालांकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में यह साफ कर दिया कि मुफ्ती के बयान से एनडीए सरकार और भाजपा इत्तेफाक नहीं रखती है। साथ ही अफजल गुरू के शव के अवशेष और उनकी निजी चीजों को वापस करने की पीडीपी की मांग को गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि अफजल के शव के अवशेषों को देने से घाटी में शांति व्यवस्था बाधित हो सकती है।
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