बिहार में फिर से मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार को आज बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करना है. जेडीयू ने बकायदा व्हिप जारी कर सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने को कहा है. वहीं नीतीश सरकार को आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई का भी समर्थन हासिल है.
विधानसभा में नीतीश सरकार के लिए बहुमत साबित करना बहुत मुश्किल नहीं है, क्योंकि सरकार को कई दूसरे दलों का समर्थन है. इसके बावजूद जेडीयू अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पार्टी ने व्हिप जारी करके जीतनराम मांझी और उनके बागी विधायकों को फिर फरमान जारी कर दिया है. साफ कर दिया गया है कि व्हिप को नहीं मानने पर विधानसभा की सदस्यता जाने में वक्त नहीं लगेगा.
अगर मांझी गुट के बागी विधायक विश्वास मत के दौरान विरोध में खड़े होते हैं, तब भी बहुमत का आंकड़ा सरकार के पक्ष में ही दिखता है.
आंकड़ों के लिहाज से बिहार विधानसभा की स्थिति इस तरह है:
--बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं.
--आठ बागी विधायकों की सदस्यता खत्म हो चुकी है.
--1 सदस्य की मौत हो चुकी है.
--1 सदस्य का निर्वाचन अवैध करार दिया गया है.
--ऐसे में सदन में कुल 233 सदस्य हैं.
--नीतीश सरकार को बहुमत के लिए 117 का आंकड़ा चाहिए.
--जेडीयू के पास 111 की संख्या है.
--आरजेडी के पास 24 सदस्य हैं.
--कांग्रेस के पास 5 का आंकड़ा.
--सीपीआई के 1 विधायक और निर्दलीय सदस्य हैं 2.
दूसरी ओर, बीजेपी के पास कुल 87 सदस्य हैं. ऐसे में आंकड़ा पूरी तरह से नीतीश के साथ है. इस बात का इल्म बीजेपी को भी है. ऐसे में देखना यह होगा कि बीजेपी वॉकआउट करती है या फिर मत विभाजन की मांग करती है.
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