केरल विधानसभा में आज एलडीएफ नेतृत्व वाले विपक्ष ने रिश्वत मामले में आरोपों का सामना कर रहे वित्त मंत्री के एम मणि को बजट पेश करने से रोकने की तमाम कोशिश की, जिससे सदन में जबरदस्त हंगामा मच गया। विधानसभा के बाहर एलडीएफ और युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं की घेरेबंदी ने भी हिंसक रूप धारण कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके। पुलिस ने लोगों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
एलडीएफ ने कह दिया था कि विधानसभा की तरफ जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया जाएगा। इस कारण मणि और उनके कुछ सहयोगी कल के सत्र के बाद विधानसभा परिसर में ही रुक गए थे। हंगामे के बीच विधानसभा में घुसने वाले मणि ने वाच एंड वार्ड गार्ड की निगरानी में बजट के कुछ अंशों को पढ़ा और सदन के समक्ष इसे रखा।
बार रिश्वत मामले में इस्तीफे की मांग पर जोर दे रहे एलडीएफ अगुवाई वाले विपक्षी सदस्य भी कल के सत्र के बाद सदन में रुक गए थे और सुबह से ही सदन में बैठे हुए थे। मणि को विधानसभा भवन में घुसने से रोकने के लिए विपक्षी सदस्य द्वार पर ही जमे हुए थे। हालांकि, सत्तारूढ़ विधायक 82 वर्षीय वित्त मंत्री को सदन के भीतर ले जाने में सफल रहे। विपक्षी सदस्यों और वाच एंड वाडर्स के बीच भिड़ंत भी हो गयी।
बहरहाल, एलडीएफ विधायकों का एक समूह अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गया और अध्यक्ष के आसन को फेंक दिया। भारी हंगामे के बीच बेहोश हो गए माकपा विधायक वी शिवनकुट्टी को प्राथमिक चिकित्सा दी गयी। सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिछले साल दिसंबर में मणि के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। उनपर आरोप है कि लाइसेंस नवीकरण के लिए उन्होंने बार मालिकों से कथित तौर पर रिश्वत लिये थे।केरल बार होटल ऑनर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष बिजू रमेश ने ये आरोप लगाए थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें