बर्फ की चट्टान गिरने से दो जवानों की मौत, चार घायल व एक अन्य जवान लापता
देहरादून, 3 मार्च (निस)। प्रदेश में बीते दिनों में हुई बरसात और बर्फबारी ने पिथौरागढ़ में आर्मी कैंप पर कहर बरपाया है। बीती रात पिथौरागढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित एक आर्मी कैंप में बर्फ की चट्टान गिरने से दो जवानों की मौत हो गयी, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का उपचार सैनिक अस्पताल में किया जा रहा है। जबकि एक लापता जवान की तलाश की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारी बारिश और बर्फबारी के बीच पिथौरागढ़ जनपद के छियालेख स्थित एक आर्मी कैम्प पर बीती रात एक बर्फ की चट्टान गिरने से कैम्प में तैनात 8 जवान इसके नीचे दब गये। मिलिट्री कैम्प पर बर्फ की चट्टान गिरने की खबर मिलते ही सेना और एसडीआरएफ तथा आईटीबीपी के जवान राहत व बचाव कार्य में जुट गए। सेना के एक हैलीकाप्टर की मदद से बर्फ में दबे जवानों में 4 जवानों को जीवित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि दो जवानों के शव भी बरामद कर लिए गये हैं। इस विनाशलीला में एक जवान के अभी भी दबे होने की आशंका जताई गयी है। जिसकी बचाव दल तलाश में जुटा है और जिन चार जवानों को बर्फ से जीवित बाहर निकाला गया है, उनकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है। सभी जवानों को प्राथमिक उपचार के लिए पिथौरागढ़ लाया गया है। जिसके बाद जवानों को बरेली सैनिक अस्पताल रैफर कर दिया गया। वहीं इस हादसे में हवलदार संतोष चन्द्र निवासी पिथौरागढ व सिपाही प्रदीप कुमार निवासी मुन्स्यारी की मौत हो गई।
कार पेड़ से टकराने से तीन की मौत
देहरादून, 3 मार्च (निस)। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के मांडूवाला चैक के समीप बीती रात तेज गति से जा रही एक होंडा एसयूवी के अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराने के बाद दुर्घटना ग्रस्त होने पर उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गयी। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करा शवों को परिजनों को सौंप दिया। तीनो मृतक मांडूवाला स्थित तिब्बती कालोनी के निासी थे। मिली जानकारी के अनुसार प्रेमनगर थाना क्षेत्र के मांडूवाला स्थित तिब्बतन सोसाईटी निवासी दूरजी नमगीप उम्र 28 वर्ष, जिम्मी नमगीप उम्र 48 वर्ष व कन्चोंक उम्र 30 वर्ष बीती रात 12 बजे के लगभग अपनी कार संख्या यूए07 एन-1771 से अपने निवास स्थान से डूंगा की और निकले थे। कार जब मांडूवाला चैक से डंूगा की तरफ निकली तो एक मोड पर चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया। जिसके बाद कार सड़क किनारे स्थित एक पेड़ से टकरा गयी। दुर्घटना में कार में सवार तीनो लोगों को गंभीर चोटे आई। मामले की सूचना परिजनो को मिलने के बाद वह 108 की मदद से तीनो को प्रेमनगर स्थित अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन डाक्टरों द्वारा तीनो को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर शवों को पोस्टमार्टम करा परिजनो को सौंप दिया है। तीनो मृतक मांडूवाला स्थित तिब्बतिन कालोनी के निवासी बताये जा रहे हैं। घटना से मांडूवाला स्थित तिब्बती कालोनी में गम का माहौल है।
राज्य आन्दोलनकारी को राज्य सभा का टिकट दिया जाए: धीरेन्द्र प्रताप
देहरादून, 3 मार्च (निस)। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने दिवगंत कांग्रेस सासंद श्रीमती मनोरमा शर्मा के स्थान पर किसी राज्य आन्दोलनकारी को ही राज्य सभा उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है। मंगलवार को आन्दोलनकारी सम्मान परिषद मुख्यालय पर पत्रकारांे से बात करते हुए धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियांे की धरोहर है और उनका सम्मान होना ही चाहिए। उन्होने कहा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी कोे इस सबंध में पत्र लिखा है व राज्य आन्दोलन में उनके योगदान को देखते हुए श्रीमती शर्मा के स्थान राज्य सभा का टिकट दिए जाने की मांग की है। उन्होने कहा,राज्य आन्दोलन में धीरेन्द्र प्रताप के परिवार के नौ लोग जेल में रहे हैं व अब समय आ गया है कि कांग्रेस को इसका सम्मान करना चाहिए। उन्होने पिछले 14 सालों में उन्हे लगातार विधान सभा व लोक सभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवारी ना मिलने पर भी अफसोस जताया। उन्होने मुख्यमन्त्री श्री हरीश रावत से काग्रेस द्वाारा 2002 के विधान सभा चुनावों में उनकी अध्यक्षता में पारित घोषणा पत्र के उस प्रसताव को भी लागू करने की मांग की है, जिसमें राज्य के प्रमुख कलाकारों,लेखकांे,बु़िद्वजीवियों,खिलाडि़यों,वित्त विशेषज्ञों व समाज के विभिन्न क्षेत्रो के प्रमुख व अनुभवी लोगो के लिए ‘विधाना परिषद’ के गठन का भी चुनावी वादा किया गया था। उन्होने कहा,अब वक्त आ गया है कि श्री रावत कांग्रेस घोषणा पत्र के वादे को पूरा करें। धीरेन्द्र प्रताप ने इस मौके पर फिल्म अभिनेताआंे,बाहरी राज्यांे के अधिवक्ताओं व नेताओं के स्थान पर स्थानीय व्यक्ति को ही टिकट दिए जाने की जोरदार पैरवी की और कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को भी यदि पार्टी राज्य सभा उम्मीदवार बनाएगी तो वे इसका स्वागत करेगें।
अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों पर सरकार हुई सख्त, देहरादून में रहकर नहीं चलेगी अब नौकरी: हरीष रावत
देहरादून, 3 मार्च (निस)। काम में अनुपस्थित रहने वाले कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। इसके लिए गढ़वाल व कुमांयू मण्डल के आयुक्तों को निर्देश दिये गये है कि जनपद स्तर पर अधिकारी नामित किये जाय, जो समय-समय पर विभागों का औचक निरीक्षण कर कार्मिकों की उपस्थित सुनिश्चित करेंगे। इसकी शुरूआत सरकार ने शीर्ष स्तर से करने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये है कि इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय। यह अभियान मार्च 2015 से मार्च 2016 तक चलेगा। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में मीडिया से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जो कार्यालय देहरादून से बाहर स्थाापित है और उनके कर्मचारी देहरादून रहकर डयूटी कर रहे है। ऐसे कार्मिकों को निर्देश दिए जा रहे है कि 15 दिन में अपने-अपने कार्यालयों में जाना सुनिश्चित करें। यदि देहरादून आना जरूरी हो, तो उसकी रिपोर्ट संबंधित सचिव या विभागाध्यक्ष को करके आये। फिर भी यदि कोई कार्मिक अपने तैनाती स्थल पर कार्य करता हुआ नही पाया जाता अथवा औचक निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रीगणों से भी अनुरोध किया गया है कि वे भी समय-समय पर निरीक्षण कर इस बात को देखें कि फील्ड स्तर पर कर्मचारी व अधिकारी तैनात है या नही। श्री रावत ने प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठनों से अपील की है कि सरकार के इस अभियान में वे भी सहयोगी बनें। जनहित में सभी कर्मचारी व अधिकारी अपनी डयूटी के महत्व को समझेंगे। यह भी निर्देश दिये गये है कि विभागों में तैनात कर्मी अथवा अधिकारी यदि निरंतर अनुपस्थित रहता है, तो विभागाध्यक्ष उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करे। मुख्यमंत्री ने बताया कि आई.टी. विभाग को निर्देश दिये गये है कि ऐसा साॅफ्टवेयर तैयार करे, जिससे कार्मिकों की लोकेशन का पता चल सके, कि वह अपने डयूटी स्थल पर तैनात है या नही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विभिन्न विभागों में कार्मिक लम्बे समय से सम्बद्ध है, ऐसे कार्मिकों का भी पुनः विवरण तैयार किया जाय। कार्यहित में यदि किसी कार्मिक को सम्बद्ध किया जाना होगा, तो किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा व हिमपात के कारण खेती को हुए नुकसान के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये है कि इसका पूरा विवरण जनपदवार संकलित कर लिया जाय। किस क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ है, उसका पूरा विवरण शासन को उपलब्ध कराया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा मार्गों का बड़ा हिस्सा डीजीबीआर व राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत आता है। यात्रा मार्गों को दुरूस्त करने के लिए आवश्यक है कि भारत सरकार की एजेंसियों का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि डीजीबीआर के क्षेत्रांतर्गत आने वाली सड़कों की दशा को प्राथमिकता से सुधारा जाए। वे शीघ्र ही डीजीबीआर की सड़कों के संबंध में रक्षा मंत्री व राष्ट्रीय राजमार्ग के संबंध में केंद्रीय भूतल,परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नीतिन गड़करी से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब मौसम का सड़क निर्माण कार्यों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। परंतु हमें विश्वास है कि हम समय पर सभी व्यवस्थाएं ठीक कर लेंगे। हमारी चिंता डीजीबीआर व नेशनल हाईवे को लेकर है। यदि हमें केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग नहीं मिला तो रोड़ कनेक्टीवीटी को सुधारना मुश्किल होगा। सीएम ने बताया कि हमने डीजीबीआर व राष्ट्रीय राजमार्ग दोनेां एजेंसियों को आॅफर भी किया है कि यदि उन्हें केंद्र से बजट मिलने में देरी हो रही हो तो राज्य सरकार अपने स्तर से उन्हें केंद्र से बजट मिलने तक धनराशि उपलब्ध करवा सकती है। या उनके हिस्से के मार्ग को राज्य की पीडब्ल्यूडी से ठीक करवा सकते हैं। सीएम ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग में ब्राडबैंड कनेक्टीवीटी को सुधारे जाने की भी आवश्यकता है। उच्चस्तरीय मोबाईल कनेक्टीवीटी व रोड़ कनेक्टीवीटी चारधाम यात्रा के लिए बहुत आवश्यक है। चारधाम यात्रा केवल राज्य के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ी है। हम महामहिम राष्ट्रपति जी व अन्य अति विशिष्ट विभूतियों को आमंत्रित करेंगे। राज्य के बजट के लिए जनता से सुझाव लेने की अनोखी पहल पर मिल रहे रेस्पोंस को उत्साहवर्धक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बजट प्रक्रिया में लोगों को भागीदार बनाने का प्रयास किया है। लोगों में बड़ा जोश था व मुझे गर्व है कि हमारे लोगों ने इतने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। हमने 12 सुझाव छांटे हैं जिन्हें कि बजट का हिस्सा बनाया जाएगा। इनमें से 8 सुझाव राज्य के संसाधन बढ़ाने से संबंधित थे। लोगों में इस बात को लेकर भी गुस्सा था कि केंद्र ने उत्तराखण्ड के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं से अपने हाथ खींच लिए हैं। सीएम ने कहा कि हम इस जनसहभागिता को आगे बढ़ाएंगे व बजट के क्रियान्वयन में लोगों को भी शामिल करेंगे। हमें यह भी सुझाव मिला है कि एससीपी की भांति बजट खर्च में भी टाईमफे्रम तय कर विभागीय अधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जाए। हमें खुशी है कि दूर गांव में रह रहे लोगों में भी अपने राज्य के विकास के प्रति बहुत चिंता है और अपने महत्वपूर्ण सुझाव हमें दिए।
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