केंद्र सरकार मे विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह एक बार फिर अपने बयानों से विवाद में हैं। उन्होंने हिंसाग्रस्त यमन से भारतीयों को निकालने के मिशन की तुलना पाकिस्तान के दूतावास में कार्यक्रम से की। इस तुलना पर जब विवाद हुआ तो उन्होंने मीडिया पर ही एक आपत्तिजनक टिप्पणी की है। जनरल वीके सिंह ने मीडिया को लेकर एक ट्वीट में कहा, ''दोस्तों, आप प्रेसटीट्यूट्स से और क्या उम्मीद कर सकते हैं। पिछली बार टीवी एंकर ने ‘ई’ (प्रेसटीट्यूट में अंग्रेजी अक्षर ई) की जगह 'ओ' (प्रॉसटीट्यूट) सोच लिया था।'' इससे पहले भी वीके सिंह अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में आ चुके हैं। सिंह को यमन के अभियान की जिम्मेदारी दी गई है। वह पिछले कई दिनों से भारतीय सेनाओं के साथ मिलकर निकाल यमन में फंसे भारतीयों को निकाल रहे हैं।
वीके सिंह ने जिबूती में कहा, ‘वास्तव में कहा जाए तो यमन का अभियान पाकिस्तानी दूतावास में जाने से कम रोमांचक था।’ जब कांग्रेस ने इस बयान को उनकी असंवेदनशीलता करार दिया। इस पर सिंह ने टीवी चैनल को दोष दिया। देर रात एक आपत्तिजनक ट्वीट कर मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। बता दें कि पाकिस्तान डे पर 23 मार्च को पाकिस्तानी उच्चायोग में आयोजित कार्यक्रम में सरकार की ओर से भेजे जाने के बाद सिंह नाराज हो गए थे। एक के बाद एक कई ट्वीट में उनके नाराजगी झलकी थी। लेकिन अगले दिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनके ट्वीट मीडिया के उस वर्ग को लेकर थे, जिसने सरकार की मंशा को लेकर सवाल उठाए थे।
वीके सिंह के ट्वीट को लेकर सोशल साइट पर जमकर चर्चा हो रही है। वीके सिंह के ट्वीट पर मीडिया से लेकर विपक्षी दलों के नेता निशाना साध रहे हैं। बुधवार की सुबह से ही भारत में सोशल साइट टि्वटर presstitutes पर टॉप ट्रेंड में है। वीके सिंह के ट्वीट पर ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन(बीईए) ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। एसोसिएशन के महासचिव एनके सिंह ने कहा, ''यदि मंत्री इस प्रकार के बयान देते रहे तो लोगों को सरकार पर से विश्वास उठ जाएगा। यह न केवल एक मीडिया का अपमान है बल्कि इससे लोकतंत्र को भी चोट पहुंचेगी। मैं उम्मीद करूंगा की पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले पर ध्यान देंगे, इससे सरकार की छवि ही खराब हो रही है।''
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