शिक्षा मुनाफे का कारोबार नहीं बल्कि मानवाधिकार हो - सत्यार्थी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

शिक्षा मुनाफे का कारोबार नहीं बल्कि मानवाधिकार हो - सत्यार्थी

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 नोबल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं बचपन बचाओ आंदोलन के नेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि शिक्षा मुनाफे का कारोबार नहीं, बल्कि मानवाधिकार होना चाहिए और मुख्य रूप से यह सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। श्री सत्यार्थी ने आज यहां संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन(यूनेस्को) द्वारा विश्व में शिक्षा की रिपोर्ट जारी होने के बाद पत्रकारों से यह बात कही। यह रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जारी की। यूनेस्को द्वारा आयोजित इस समारोह में श्री सत्यार्थी विशिष्ट अतिथि थे।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मूलत: राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए और इसकी पूरी जिम्मेदारी उसे निभानी चाहिए। सरकार इसकी खुद फंडिग करें या पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से इसका विकास करें पर यह मुनाफे का कारोबार हरगिज नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल दान या परमार्थ कार्य नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकार है और विश्व के हर नागरिक को यह प्राप्त होना चाहिए।

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