उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नदियों के लगातार प्रदूषित होने पर चिंता जताते हुए आज कहा कि अभी तक इनकी सफाई के ठोस प्रयास नहीं किये गये। श्री यादव ने आज यहां करीब 656 करोड रुपये की गोमती रिवरफ्रंट विकास परियोजना का शिलान्यास किया । मुख्यमंत्री ने व्यंग्य किया कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में गोमती नदी की सफाई के नाम पर फोटो खूब खिंचवाये गये लेकिन गोमती नदी अभी भी ज्यों की त्यों प्रदूषित है। उन्होंने कहा कि गोमती की सफाई के नाम पर कूडा उठाया गया । उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि परियोजना का निर्माण इस तरह किया जाए कि कोई भी नाला गोमती नदी में नहीं गिरे। उन्होंने कहा कि परियोजना को चुनौती के रुप में लेकर डेढ साल में पूरा किया जाना चाहिए।
राज्य के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इस मौके पर कहा कि अभी तक गोमती नदी की सफाई के नाम पर “तमाशा‘‘ किया गया । पानी की तरह अरबों रुपये खर्च कर दिये गये लेकिन गोमती प्रदूषित बनी रही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब गोमती नदी पूरी तरह साफ हो जायेगी क्योंकि उनकी सरकार ने अब इसके लिए ठोस प्रयास किये है।उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग 20 वर्षो से अधिक समय से लम्बित पडी सरयू नहर परियोजना, बाणसागर परियोजना ,कनहर परियोजना के साथ कई बडी बडी योजनाओं को उनकी सरकार पूरी करवा रही है। इससे लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि गोमती के बाद यमुना और गंगा नदी की सफाई की ठोस शुरुआत की जायेगी।उन्होंने बताया कि रिवरफ्रंट विकास परियोजना के तहत लखनऊ शहर में गोमती नदी के दोनों ओर आरसीसी दीवार (डायफ्राम वाल) खडी कर उसके बीच में नदी का बहाव रहेगा। लखनऊ शहर में गोमती नदी करीब 30 किमी क्षेत्र में है। नदी के दोनों किनारों को विकसित कर तांगा ट्रैक,साइकिल ट्रैक बनाया जायेगा। दोनों किनारों को पर्यटक केन्द्र के रुप में भी विकसित किया जायेगा।इस अवसर पर मुख्य सचिव आलोक रंजन और सिंचाई सचिव ओपी अग्रवाल भी मौजूद थे।
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