देश भर में जल्द ही 60 नई कोयला खदानें खुलेंगी: पीयूष गोयल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 मई 2015

देश भर में जल्द ही 60 नई कोयला खदानें खुलेंगी: पीयूष गोयल

कोयला और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार देश भर में 60 नई कोयला खदानें खोलने जा रही हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि कोयला आयात रोकने की अभी कोई योजना नहीं है.

गोयल ने यहां संवाददाताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर सरकार की उपलब्धियों पर रोशनी डालते हुए कहा, "मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि आने वाले दिनों में 60 नई खदानें खोली जानी हैं. खदान-दर-खदान एक विस्तृत अध्ययन किया गया है और इसे मंत्रालय के वेबसाइट पर डाला गया है ताकि नई खदानों पर हो रहे विकास पर आप नजर रख सकते हैं."

नई खदानें कोल इंडिया की पांच साल में उत्पादन वर्तमान 50 करोड़ टन से बढ़ाकर दो गुना करने और 150 करोड़ टन तक पहुंचाने की योजना के तहत खोली जाएंगी. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया का उत्पादन गत वर्ष 3.2 करोड़ टन बढ़ा. "कोयला उत्पादन बढ़ने से गत वर्ष बिजली उत्पादन 12 फीसदी बढ़ा." उन्होंने बताया कि गांव के 28 करोड़ लोगों, जिन तक बिजली नहीं पहुंच पाई है, उन तक बिजली पहुंचाने के लिए माइक्रो और ऑफ ग्रिड समाधानों पर विचार किया जा रहा है.

गोयल ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के एक साल के कार्यकाल में 1,500 गांवों में बिजली पहुंचाई गई है. मंत्री ने कहा कि अभी कोयले का आयात जारी रहेगा. उन्होंने कहा, "आने वाले वर्षो में हम कोयले के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो जाएंगे."

बिजली मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में बुधवार को कहा कि गया है, "स्वच्छ ऊर्जा का तरजीह दिया जाएगा. 25 सौर पार्क बनाए जाएंगे, जिसमें से प्रत्येक करीब 100 मेगावाट के होंगे और नवीकरणीय ऊर्जा पारेषण के लिए 38 हजार करोड़ रुपये का एक स्वच्छ ऊर्जा गलियारा बनाया जाएगा." बयान में कहा गया है, "अगले तीन साल में सभी बल्ब बदलकर उसकी जगह एलईडी लगाए जाएंगे. साथ ही बिजली अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्तिकर्ता चुनने का अधिकार मिल जाएगा, जिससे प्रतियोगिता बढ़ेगी और बिजली दर घटेगी तथा सेवा की गुणवत्ता बेहतर होगी."

पिछड़े क्षेत्रों पर ध्यान देने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए बयान में कहा गया है, "पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली प्रणाली में सुधार के लिए 9,865 करोड़ रुपये निवेश किए जाने को मंजूरी दी गई है. पश्चिमी क्षेत्र से दक्षिणी क्षेत्र में बिजली पहुंचाने के लिए 26 हजार करोड़ रुपये के निवेश से पारेषण लाइन के लिए मंजूरी दी गई है."

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